विश्व वयस्क दिवस : लगातार कम हो रही है युवाओं की रोजगार की उम्मीद, लगी हुई है रोजगार की आस
राज एक्सप्रेस। हर साल 18 नवम्बर को विश्व वयस्क दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की माने तो आज के समय में दुनिया भर में 600 मिलियन से भी अधिक लोग रहते हैं और यह आंकड़ा आने वाले 11 सालों के भीतर लगभग दोगुना होने के कयास भी लगाए जा रहे हैं। वहीँ अगर भारत देश की बात करें तो इस बात में तो कोई दो राय नहीं है कि हमारा देश युवाओं का देश बन चुका है। युवाओं की इस तादाद को देखते हुए ही यह भी कहा जाता है कि युवा शक्ति ही राष्ट्र शक्ति है। लेकिन इस बढ़ती आबादी के बीच बेरोजगारी भी एक बड़ी समस्या बन रही है। आज व्यस्क दिवस के मौके पर चलिए आपको बेरोजगारी से रूबरू करवाते हैं।
बढ़ रहे है बेरोजगारी के आंकड़े :
अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक संगठन के अनुमान से यह बात सामने आई है कि भारत दुनिया में सबसे अधिक बेरोजगारों का देश बन चुका है। जो अनुमान वर्ष 2018 के दौरान 1.86 करोड़ था वह वर्ष 2019 में बढ़कर 1.89 करोड़ तक देखने को मिला था। इसके अलावा फ़िलहाल की बात करें तो इस वक्त देश के लगभग 11 फीसदी युवा बेरोजगार हैं। इनमें वे युवा शामिल हैं जो काम करने के लायक हैं, लेकिन काम ना होने के कारण बेरोजगार घूम रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक संगठन का कहना है कि बेरोजगारी पीछे पांच सालों से शीर्ष पर है।
कम हो रही नौकरियां :
श्रम मंत्रालय का कहना है कि वैश्विक बाजार में आ रही कमजोरी का असर रोजगार पर भी खासा देखने को मिल रहा है। आज देश में हर रोज करीब 500 नौकरियां कम हो रही हैं। इन नौकरियों के अलावा स्वरोजगार के मौके भी कम हो रहे हैं। जिसके कारण अधिकतर युवा बेरोजगारी का शिकार बन रहे हैं।
रोजगार की आवश्यकता :
आज देश के युवाओं की सबसे पहली जरूरत रोजगार बन गया है।सरकार को जरुरी है कि देश के सेवा क्षेत्र में नए प्रयोग के साथ ही उसका विस्तार करें।ताकि देश के युवा वर्ग को नए पदों पर नौकरी का अवसर मिल सके। ऐसा होने से देश की विकास दर भी रफ़्तार पकड़ेगी और युवाओं तक नौकरियां भी पहुंचेगी।
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