क्यों मनाया जाता है विश्व जनसंख्या दिवस? जानिए इस दिन का इतिहास
हाइलाइट्स :
यूनाइटेड नेशंस ऑर्गेनाइजेशन के द्वारा शुरुआत हुई विश्व जनसंख्या दिवस की।
भारत की वर्तमान जनसंख्या 142 करोड़।
विश्व की वर्तमान जनसंख्या 8 अरब।
इस वर्ष की थीम 'एक ऐसी दुनिया बनाने को है जो हम सभी से 8 अरब लोगों का भविष्य आशाओं और संभावनाओं से भरपूर हो'।
World Population Day : दुनियाभर में आज यानि 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन का प्रमुख उद्देश्य सभी लोगों को दुनियाभर में बढ़ रही जनसंख्या के प्रति जागरुक करना और बढ़ती जनसंख्या के समाधान के बारे में समझाना है। ताकि वे जनसंख्या बढ़ोतरी के मामले पर साथ आकर इससे पैदा हुआ मुश्किलों का सामना कर सकें। आज के दिन दुनियाभर में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और लोगों को इस दिन के बारे में बताया जाता है। तो चलिए इस खास मौके पर जानते हैं विश्व जनसंख्या दिवस का इतिहास क्या है और इस साल की थीम क्या है?
विश्व जनसंख्या दिवस का इतिहास
दरअसल इस दिन की शुरुआत यूनाइटेड नेशंस ऑर्गेनाइजेशन के द्वारा की गई थी। इस दौरान एक मशहूर डॉक्टर के द्वारा इस दिन को मनाने का सुझाव पेश किया गया था। जिसे मानते हुए यूनाइटेड नेशंस ऑर्गेनाइजेशन ने 11 जुलाई 1989 को विश्व जनसंख्या दिवस मनाने की घोषणा की थी। तब से हर साल इस दुनिया को दूनियाभर में धूमधाम से मनाया जाता है।
क्या है इस साल की थीम?
हर साल इस दिन को मनाने के लिए एक खास थीम का आयोजन किया जाता है। इस थीम के अनुसार ही जगह-जगह पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और लोगों को जानकारी दी जाती है। इस साल यानि 2023 में विश्व जनसंख्या दिवस की थीम 'एक ऐसी दुनिया की कल्पना करना, जहां हम सभी 8 अरब लोगों का भविष्य आशाओं और संभावनों से भरपूर हो।'
कितनी है भारत की जनसंख्या?
आंकड़ों के बारे में बात करें तो आज विश्व की संख्या करीब 8 अरब के आसपास पहुंच चुकी है। वहीं दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश भारत बन चुका है। कुछ समय पहले ही भारत ने चीन को पछाड़ते हुए यह स्थान हासिल किया है। हालिया आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में भारत की जनसंख्या 142 करोड़ पर पहुँच चुकी है।
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