क्यों मनाया जाता है विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस? जानिए क्या है इस दिन का इतिहास?
हाइलाइट्स :
प्रकृति की अहमियत समझाने के लिए हर साल वर्ल्ड नेचर कंजर्वेशन डे मनाया जाता है।
1948 में फ्रांस में इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर की स्थापना की गई थी।
इस साल की थीम “वन और आजीविका: लोगों और ग्रह को कायम रखना”।
राज एक्सप्रेस। प्रकृति हम इंसानों के लिए बेहद ही जरुरी है। यदि हम यह कहे कि प्रकृति हैं तो हम हैं, तो शायद कुछ गलत नहीं होगा। लेकिन एक तरफ यह भी सच है कि लगातार दुनियाभर में बढ़ रहे प्रदूषण और अन्य कारणों के चलते प्रकृति दूषित हो रही है। ऐसे में प्रकृति की हिफाजत करने और लोगों को प्रकृति की अहमियत समझाने के लिए हर साल दुनियाभर में 28 जुलाई को वर्ल्ड नेचर कंजर्वेशन डे या विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस मनाया जाता है। इस दिन का प्रमुख उद्देश्य लोगों के बीच प्रकृति और जैव विविधता की सुरक्षा और इसके महत्व की जानकारी को फैलाना है। चलिए आज इस खास दिन पर जानते हैं कि विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस क्या है? और इस साल किस थीम के अनुसार यह खास दिन मनाया जाएगा?
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस क्या है?
विश्व प्रकृति संरक्षण से अभिप्राय है प्रकृति की सुरक्षा करना और दुनिया को प्रकृति के संरक्षण की जानकारी देना। इस दिन को जलवायु परिवर्तन की दिशा में सकारात्क राय बनाने के तौर पर भी जाना जाता है। इस दिन दुनियाभर में अलग-अलग जगहों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, और लोगों को प्रकृति के संरक्षण के तरीकों के बारे में संपूर्ण जानकारी दी जाती है। साथ ही प्रकृति को बचाने के उद्देश्य से पौधे भी लगाए जाते हैं।
क्या है इस दिन का इतिहास?
दरअसल साल 1948 में फ्रांस के एक शहर में सबसे पहले इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) की स्थापना की गई थी। जिसने कुछ ही समय में जानवरों और प्रकृति के संरक्षण पर नजर रखना शुरू कर दिया। दुनिया से धीरे-धीरे खत्म होने वाली और विलुप्ति की ओर बढ़ने वाली प्रजातियों पर भी IUCN की नजर रहती है। इस प्रयास को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से हर साल 28 जुलाई को विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस मनाने का फैसला किया गया।
क्या है इस साल की थीम?
हर साल इस दिन को खास थीम के अनुसार मनाया जाता है। इस साल यानि 2023 में विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस मनाने के लिए “वन और आजीविका: लोगों और ग्रह को कायम रखना” थीम का निर्धारण किया गया है।
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