राज एक्सप्रेस : इमरान खान भी उन वजीर ए आलम की लिस्ट में शामिल हो चुके हैं, जो प्रधानमंत्री का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके हैं। यानी पाकिस्तान के इतिहास में अभी तक किसी प्रधानमंत्री ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल असेंबली को फिर से बहाल कर दिया है और इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की कार्यवाही शुरू हो गई है।
वहीं, पाकिस्तान में चल रही राजनीतिक अस्थिरता के बीच इमरान खान कई मौकों पर भारत के मुरीद हो चुके हैं। कल यानी शुक्रवार को कई अखबारों के पन्नों में-30 मिनट में इमरान ने 3 बार भारत का जिक्र किया, जैसे शीर्षक छापे गए। इमरान खान ने शुक्रवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए भारत की तारीफ की, उन्होंने कहा कि "भारत एक खुद्दार देश है और कोई सुपर पॉवर उन्हें आंख नहीं दिखा सकता, उनपर अपनी मर्जी नहीं चला सकता। इमरान खान ने अभी पाकिस्तान के एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में भी 30 मिनट के अंदर सात बार भारत का नाम लिया और भारत की तारीफ की।
इमरान ने हाल ही में खैबर पख्तूनख्वा के एक जिले में जनसभा के दौरान भी भारत की तारीफ की थी, उन्होंने कहा था, "वह पड़ोसी देश भारत की तारीफ करेंगे क्योंकि उसके पास अपनी एक विदेश नीति रही है।” कहा कि, “भारत क्वाड समूह का हिस्सा है और उसने अमेरिकी पाबंदियों के बावजूद रूस से कच्चा तेल आयात किया।"
इमरान खान का रुख भारत के प्रति कुछ समय पहले से ही बदला हुआ नजर आ रहा है। वे सार्वजनिक मंचों से भारत की तारीफ में कसीदे पढ़ रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तान-चीन बिजनेस इन्वेस्टमेंट फोरम के उद्घाटन समारोह में भारत आईटी सेक्टर की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि आईटी सेक्टर में जो नया टेक्नोलॉजी रेवोल्यूशन है, भारत उसमें बीस साल पहले किधर था और आज उसका एक्सपोर्ट देखें और हमें देखें।
इमरान खान का भारत की तारीफ करने की वजह उनका भारत प्रेम नहीं, बल्कि हाथ से जा रही सत्ता को पाना है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लगातार अमेरिका को अपनी सत्ता पर आए संकट के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और भारतीय विदेश नीति की तारीफ कर रहे हैं। इमरान खान पाकिस्तान की सेना का भरोसा खो चुके हैं और अमेरिका का नाम लेकर आरोप लगा रहे हैं कि विदेशी शक्तियां उनकी सरकार गिराना चाहती हैं।
इमरान खान ने कहा कि वे स्वतंत्र विदेश नीति का पालन कर रहे हैं इसलिए उन्हें ये नतीजा भुगतना पड़ रहा है। बता दें, उन्होंने अपना इशारा रूस दौरे को लेकर दिया है, माना जाता है कि इमरान के रूस दौरे के बाद पाकिस्तान के अमेरिका से संबंध खराब हुए।
गौरतलब है कि भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच तमाम प्रतिबंधों और आलोचना के बावजूद रूस से संबंध बनाए रखे। इमरान खान ने भारत की तटस्थ विदेश नीति की तारीफ करते हुए पाकिस्तान की विदेश नीति पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि, भारतीय विदेश नीति अपने लोगों की बेहतरी के लिए है जबकि पाकिस्तान में ऐसा नहीं है।
इमरान खान पाकिस्तान की विदेश नीति से खफा हैं, इसका कारण है कि पाकिस्तानी विदेश नीति पाकिस्तान की सेना के पास है। पाकिस्तानी सेना को ही विदेश नीति का कर्ता-धर्ता माना जाता है। पाकिस्तानी सेना अब भी अमेरिका के साथ अपने रिश्ते रखना चाहती है।
इमरान खान पाकिस्तान की सेना को चुनौती दे रहे हैं और पाकिस्तान में जब कोई प्रधानमंत्री सेना को चुनौती देने लगता है, तो उसका सत्ता में रहना मुश्किल हो जाता है। इमरान खान की कुर्सी चली गई और अब नया पाकिस्तान बनाने का नारा देते-देते इमरान देश को नया प्रधानमंत्री देने की हालत में आ गए हैं।
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