युद्ध के बाद वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की की पहली विदेश यात्रा, ट्रेन से किया सफ़र
Russia Ukraine War : पिछले काफी समय से रूस और यूक्रेन का युद्ध लगातार चल रहा है। इस युद्ध की शुरुआत से अब तक कई देशों को नुकसान हो चुका है और इस दौरान कई छोटी-बड़ी खबरें भी सामने आ चुकी है। वहीँ, अब यह खबर सामने आई है कि, रूस से युद्ध के बाद जेलेंस्की की पहली विदेश यात्रा अमेरिका की हुई। पश्चिमी देशों में हीरो बने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की की अमेरिका यात्रा कड़ी सुरक्षा में हुई है। अमेरिका द्वारा उन्हें इस यात्रा के दौरान सुरक्षा प्रदान की गई थी। इतना ही नहीं जेलेंस्की की यात्रा काे लेकर गोपनीयता भी बनाकर रखी गई। बता दें, उनकी वॉशिंगटन की इस यात्रा की शुरुआत ट्रेन से हुई थी।
ज़ेलेंस्की ने क्यों की ट्रेन से यात्रा ?
दरअसल, रूस से युद्ध के बाद वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए अमेरिका गए। उन्होंने यह यात्रा ट्रेन से की। ट्रेन से यात्रा करने का कारण यह था कि, उन्होंने मिसाइलों के खतरे को भांपते हुए ट्रेन से यात्रा करने का फैसला किया। खबरों की मानें तो, यूक्रेन के आसमान पर रूसी मिसाइलों के खतरे काे देखते हुए ज़ेलेंस्की को गोपनीय तरीके से पोलैंड ट्रेन के जरिए पहुंचाया गया। ज़ेलेंस्की बुधवार काे पोलैंड के सीमावर्ती कस्बे के रेलवे स्टेशन पर नजर आए। इसके बाद वह और उनकी टीम कारों में बैठकर रवाना हुई।
सेना के बोइंग सी-40 बी के पास पहुंचे :
रेलवे स्टेशन से रवाना होने के बाद इस स्थान से 80 किमी दूरी तय करते हुए अमेरिकी वायु सेना के बोइंग सी-40 बी के पास पहुंचे और फिर वहा से उसमे बैठ कर वॉशिंगटन पहुंचे। जलेंस्की की सुरक्षा के लिए पूरे इलाके का 'नाटो' (NATO) के जासूसी विमान ने स्कैन किया और साथ में अमेरिकी एफ-15 लड़ाकू विमान भी वॉशिंगटन तक जेलेंस्की के विमान के साथ रहा। 10 घंटे के यात्रा के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति दोपहर में वॉशिंगटन में उतरे। फिर वहां कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें अमेरिकी संसद पहुंचाया गया।
ज़ेलेंस्की को मिला स्टैंडिंग ओबेशन :
बताते चलें, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की को उनके भाषण के दौरान उन्हें स्टैंडिंग ओबेशन मिला। ज़ेलेंस्की का अमेरिका पहुंचने का मैन कारण यूक्रेन की सुरक्षा के लिए है। ज़ेलेंस्की को अमेरिका से बहुत उम्मीद है। वो इसलिए भी गए है ताकि यूक्रेन आर्मी के लिए डिफेंस के लिए मिसाइल और डिफेंस आपूर्ति कर पाए। यूक्रेन की आर्मी में अभी डिफेंस उपकरणों की भारी कमी है। यूक्रेन अमेरिका और 'नाटो' (NATO) देश से डिफेंस सिस्टम और फाइटर जेट की मांग कर रहा है, ताकि रूसी सेना से लड़ सके। रूस ज़ेलेंस्की की अमेरिकी यात्रा पर नजर बनाए हुए है।
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