सऊदी अरब से तेल और लोन न मिलने पर बढ़ेंगी पाक की मुश्किलें

सऊदी अरब ने पाकिस्तान को तेल और लोन देने से मना करके एक बड़ा झटका दे दिया है। सऊदी अरब के इस फैसले से दोनों देशों के बीच दशकों से स्थापित संबंध अचानक ही खत्म हो गए हैं।
Saudi Arabia will not give loan and oil to pakistan
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पाकिस्तान। पहले से ही गरीब देशों में शुमार पाकिस्तान की मुश्किलें और अधिक बढ़ती नजर आ रही है। इस बार पाक की मुश्किलें बढ़ने का कारण सऊदी अरब बना गया है। दरअसल सऊदी अरब ने पाकिस्तान को तेल और लोन देने से मना करके एक बड़ा झटका दे दिया है। सऊदी अरब के इस फैसले से दोनों देशों के बीच दशकों से स्थापित संबंध अचानक ही खत्म हो गए हैं। बताए चलें, इस बारे मे मिडिल ईस्ट मॉनिटर ने जानकारी साझा की।

सऊदी अरब की मांग :

दरअसल, सऊदी अरब ने पाकिस्तान की लोन और तेल की आपूर्ति को खत्म करते हुए पाक से 6.2 बिलियन डॉलर के पैकेज के एक हिस्से की मांग की है। इसके लिए पाक को 1 बिलियन डॉलर की भुगतान करना होगा। बता दें, ये 6.2 बिलियन डॉलर का पैकेज सऊदी अरब द्वारा नवंबर 2018 में घोषित किया गया था। जिसमें कुल  3 बिलियन डॉलर का लोन और एक ऑयल क्रेडिट सुविधा थी जिसमें 3.2 बिलियन डॉलर की राशि शामिल थी।

पाक की चेतावनी :

मिडिल ईस्ट मॉनिटर की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2019 के फरवरी माह में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने पाकिस्तान की यात्रा के दौरान इस डील पर साइन करके यह समझौता किया था। वहीं, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सऊदी अरब के नेतृत्व वाले 'इस्लामिक सहयोग संगठन' (OIC) के लिए चेतावनी जारी की थी। पाक द्वारा यह चेतावनी सऊदी अरब द्वारा कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत के खिलाफ सख्त रवैया न अपनाने के लिए जारी की थी। पाक के विदेश मंत्री का कहना था कि,

यदि सऊदी अरब इस मामले को लेकर में हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं, तो मैं पाक प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व में उन इस्लामिक देशों की बैठक लेने पर मजबूर हो जाऊंगा जो कश्मीर के मुद्दे पर हमारे साथ खड़े होने के लिए तैयार हैं। मैं एक बार फिर सम्मानपूर्वक 'इस्लामिक सहयोग संगठन' (OIC) को बता रहा हूं कि, विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक हमारी अपेक्षा है। जैसा कि पाकिस्तान सऊदी अरब के अनुरोध के बाद कुआलालंपुर शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हुआ, इसलिए वह अब यह रियाद को इस मुद्दे पर नेतृत्व दिखाने की उम्मीद करता है।
शाह महमूद कुरैशी, पाक विदेश मंत्री

सऊदी अरब पर दवाब :

गौरतलब है कि, भारत में अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से ही पाक सऊदी अरब पर दवाब बनाए की कोशिश कर रहा था। पाक का मकसद सऊदी असब में स्थित इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक लेना था। इसी के चलते दोनों देशों के रिश्ते में आई दरार से अब पाकिस्तान को सऊदी अरब से तेल और लोन नहीं मिलेगा। जिससे पाक की मुश्किलें और भी अधिक बढ़ती नजर आ रही है।

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