मेलबर्न। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को मेलबर्न में क्वाड देशों की बैठक में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े युद्ध स्मारकों में से एक श्राइन ऑफ रिमेंबरेंस का दौरा भी किया।
ऑस्ट्रेलिया सरकार द्वारा सीमाओं को खोलने के फैसले का स्वागत :
इस दौरान मेलबर्न में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा- कोविड के इस बहुत कठिन दौर में भी दोनों देशों के बीच लगातार बहुत सी चर्चाएं हमारे संबंधों में आए बड़े परिवर्तन को दर्शाती हैं। मैं ऑस्ट्रेलिया सरकार द्वारा सीमाओं को खोलने के फैसले का स्वागत करता हूं, जिससे उन लोगों की मदद मिलेगी जो भारत में वापस आने का इंतजार कर रहे हैं, विशेष रूप से छात्रों और अस्थायी वीजा धारकों को। इस कदम की सराहना की जानी चाहिए। हम इंडो-पैसिफिक में व्यापक समावेशी विकास सुनिश्चित करते हुए अधिक विश्वसनीय और लचीला आपूर्ति श्रृंखला बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
हमने आतंकवाद और उग्रवाद के बारे में भी चिंताओं को साझा किया। सीमा पार आतंकवाद को लेकर हम गंभीर हैं। बहुपक्षीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाने और आतंकवाद विरोधी सहयोग को बढ़ावा देने का हमारा साझा प्रयास है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर
हमने (क्वाड) में भारत-चीन संबंधों पर चर्चा की क्योंकि यह इस बात का हिस्सा था कि, हमारे पड़ोस में क्या हो रहा है।
इस बारे में हमने एक दूसरे को जानकारी दी। यह एक ऐसा मुद्दा है, जिसमें बहुत से देश वैध रूप से रुचि लेते हैं, खासकर यदि वे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र से हैं।
चीन द्वारा 2020 में सीमा पर भारी सुरक्षा बलों की तैनाती न करने के लिखित समझौतों की अवहेलना के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई।
जब एक बड़ा देश लिखित प्रतिबद्धताओं की अवहेलना करता है, तो यह पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय है।
दोनों देशों के लिए नए व्यापार और निवेश के अवसर पैदा करेगा :
तो वहीं, मेलबर्न में ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिस पायने ने कहा- हमें विश्वास है कि, ये समझौता (CECA) दोनों देशों के लिए नए व्यापार और निवेश के अवसर पैदा करेगा। विशेष रूप से हमारी अर्थव्यवस्थाओं को कोविड के प्रभाव से उबरने में मदद होगी। ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच व्यापार और निवेश में गहरे संबंध हैं। डेन तेहान व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते के लिए एक दौर की बातचीत के बाद भारत से लौट रहे हैं।
मैत्री स्कॉलर प्रोग्राम के तहत ऑस्ट्रेलिया सरकार ऑस्ट्रेलिया के अग्रणी विश्वविद्यालयों में अध्ययन के लिए भारतीय छात्रों की मदद के लिए 4 वर्षों में 11 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता राशि देगी।
ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिस पायने
उन्होंने बताया कि, ''हम दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक समर्थन और रचनात्मक उद्योगों की बढ़ावा देने के लिए मैत्री सांस्कृतिक साझेदारी के तहत 4 वर्षों में 6 मिलियन डॉलर से अधिक खर्च करेंगे।''
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