लेबनान: बेरूत में छोटी सी एक लापरवाही बनी तबाही की बड़ी वजह

4 अगस्त का दिन पूरे लेबनान के लिए तवाही बन कर आया था। लेबनान की राजधानी बेरूत में अचानक की 2 बड़े जोरदार धमाके हुए थे। वहीं, अब इन धमाकों के होने की हो वजह सामने आई है वो एक छोटी सी लापरवाही है।
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लेबनान। 4 अगस्त का दिन पूरे लेबनान के लिए तबाही बन कर आया था। दरअसल, 4 अगस्त की शाम 6 बजे लेबनान की राजधानी बेरूत में अचानक की 2 बड़े जोरदार धमाके हुए थे। जिसमें लगभग 135 लोगों की जान चली गई और 5 हजार से भी ज्यादा लोग घायल हो गए थे। यह धमाके बेरूत में 2 जगह हुए थे एक धमका पोर्ट पर हुआ था और दूसरा शहर के अंदर हुआ था परंतु प्रश्न यह उठ रहे थे कि, इतने खतरनाक धमाके हुए कैसे थे। वहीं, अब इन धमाकों के होने की हो वजह सामने आई है वो एक छोटी सी लापरवाही है।

बेरूत में हुए धमाकों से पूरे शहर तबाह :

बेरूत में हुए इन 2 धमाकों से पूरे शहर में बहुत बड़े स्तर पर तबाही मच गई है। इन धमाकों से लगभग 3 लाख लोग बेघर हो गए, 90% होटल बर्बाद हो गए और इस धमाके से पूरे लेबनान में 75 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है जो लेबनान की कुल GDP का 17% हिस्सा है। इतना ही नहीं इसे सदी का सबसे बड़ा धमाका भी माना जा रहा है। इस धमाके ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में हुए 75 साल पहले के परमाणु बम धमाकों की याद दिला ही है जो अमेरिका ने किये थे। बेरूत में हुए धमाके किसी परमाणु विस्फोट से काम नहीं थे। यहां एक लापरवाही के चलते छोटी सी चिंगारी ने पूरे शहर को तबाह कर दिया है।

क्या थी वो छोटी सी लापरवाही :

बेरूत में हुए इन बड़े धमाकों की वहज एक छोटी सी लापरवाही थी, जिसने पूरे शहर को बर्बाद करके रख दिया। दरअसल, बेरूत शहर के बंदरगाह पर एक गोदाम में लगभग 2 हजार 750 टन अमोनियम नाइट्रेट रखा था। जो लगभग 7 सालों से वहां ऐसी ही पड़ा हुआ था। इस गोदाम में रखे अमोनियम नाइट्रेट में आग लगने के कारण ही इतने बड़े धमाके हुए। इतनी मात्रा में एक साथ अमोनियम नाइट्रेट को ऐसे ही छोड़ देना किसी लापरवाही से कम नहीं है। अगर इसे सही तरह से सुरक्षित रखा जाता तो, इस तरह की घटना नहीं होती। परन्तु बंदरगाह के गोदाम में यह अमोनियम नाइट्रेट, पिछले 7 सालों से रखा था और इसकी सुरक्षा का ख्याल किसी के मन में नहीं आया और ना ही सबको इसकी जानकारी थी।

कहां से आया इतनी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट :

बताते चलें, इतनी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट बेरुत में रूस से आया था। जो कि, साथ 2013 में समुद्री जहाज के माध्यम से बेरूत पहुंचा। खबरों के अनुसार यह जहाज मोजाम्बिक जा रहा था, लेकिन आर्थिक तौर पर कमजोरी के चलते वह लोग इस जहाज को बेरूत में ही छोड़कर चले गए। वहां के लोगों ने जहाज में रखे अमोनियम नाइट्रेट को उठा कर बेरूत पोर्ट के एक गोदाम में रख दिया था और तब से ये वहीं पड़ा था।

क्या थी आग लगने की वजह :

बेरूत में हुए धमाके इतने बड़े थे कि इससे आसपास के देशों की जमीन भी कांप उठी थी। आप इसका अंदाजा इस प्रकार लगा सकते हैं कि, इन धमाकों की आवाज बेरूत से 200 किलोमीटर दूर साइप्रस में में भी सुनाई दी थी। अब आप सोच सकते है तो, बेरूत शहर का क्या हाल हुआ होगा। इन धमाकों से सिर्फ बेरूत ही प्रभावित नहीं हुआ है बल्कि पूरे लेबनान पर इसका असर अगले कई सालों तक बहुत बड़े संकट के रूप में रहने वाला है। गोदाम में इतनी मात्रा में रखे अमोनियम नाइट्रेट में आग लागने की 2 वजह बताई जा रही है।

  1. पहली वजह - कई लोगों का कहना हैं कि, गोदाम के बगल में एक पटाखों का एक गोदाम था, जिसमें आग लगने से आग बढ़ गई और गोदाम तक पहुंच गई। इस प्रकार आग अमोनियम नाइट्रेट तक पहुंच गई।

  2. दूसरी वजह - वहीं, कई लोगों का कहना ये हैं कि, वहां पर वेल्डिंग का काम चल रहा था और उसी की चिंगारी निकल कर अमोनियम नाइट्रेट तक पहुंच गई।

क्या हैं अमोनियम नाइट्रेट :

गौरतलब है कि, अमोनियम नाइट्रेट एक औद्योगिक केमिकल है। हालांकि, इसका इस्तेमाल खाद बनाने के लिए किया जाता है। साथ ही इससे खदानों में खनन के लिए विस्फोटक की तरह भी इस्तेमाल करते हैं परन्तु यह आग के संपर्क में आ जाने से अमोनियम नाइट्रेट बड़ी दुर्घटना की वजह भी बन सकता है। जैसा कि, बेरुत में हुआ। बेरुत में पोर्ट का एक हिस्सा पूरी तरह से नष्ट हो गया है और जिस जगह यह धमाके हुए वहां 405 फीट के गड्ढे हो गए है। बताते चलें, इसका इतेमाल आतंकवादियों भी बम बनाने में करते हैं।

मरने वालों में दूत शामिल :

खबरों के अनुसार, बेरूत में हुए धमाकों में जर्मनी के दूत की भी मौत हो गई है। जर्मन के विदेश मंत्री हेइको मास ने बताया है कि, इन धमाकों में विदेश मंत्रालय में काम कर रहीं एक महिला की भी मौत हुई है। जो धमाके वाली जगह के पास स्थित अपार्टमेंट में रहती थी। इसके अलावा इन धमाकों में पांच भारतीयों के भी घायल होने की खबर हैं। हालातों का जायजा लेने यहां फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन भी बेरूत पहुंचे। अब लेबनान की मदद के लिए फ्रांस और अन्य कई देश आगे आरहे हैं।

बेरूत के गर्वनर का कहना :

बेरुत में हुए इन धमाकों से पूरे शेर का हाल को देख कर बेरूत के गर्वनर खुद को रोने से रोक न सके और वह कैमरे के सामने ही फूट-फूट कर रो पड़े। उन्होंने अपना दुख प्रकट करते हुए कहा है कि, ये धमाके जापान के हिरोशिमा और नागासाकी के परमाणु विस्फोट की तरह हुए और सबकुछ तबाह कर गए।

बेरूत में मची तवाही को देकर रोते हुए बेरूत के गर्वनर
बेरूत में मची तवाही को देकर रोते हुए बेरूत के गर्वनर

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