पाकिस्तान: कुलभूषण केस की इस्लामाबाद HC में सुनवाई- भारतीय पैरवी की जीत
पाकिस्तान : पाकिस्तान की जेल में रिटायर्ड नौसैनिक अधिकारी कुलभूषण जाधव जासूसी के आरोप में बंद हैं, वहीं पाकिस्तान द्वारा कुलभूषण जाधव की मौत की सजा के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के लिए वकील की नियुक्त के मामले पर सुनवाई चल रही है। कुलभूषण जाधव मामले में इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को जारी आदेश में कहा कि, जाधव के लिए वकील नियुक्त करने का एक और मौका भारत को मिलना चाहिए। कोर्ट द्वारा येे बात कहने के बाद भारतीय पैरवी की बड़ी जीत हुई एवं इमरान खान सरकार को तगड़ा झटका दिया है।
एक महीने के लिए टाली सुनवाई :
कुलभूषण जाधव मामले को लेकर पाकिस्तान अभी तक कई बार इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) के निर्देशों का पालन करने की दुहाई दे चुका है, लेकिन उसके सभी दावे खोखले साबित हुए हैं। वहीं इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने केस की सुनवाई भी एक महीने के लिए टाल दी है। वहीं सुनवाई के दौरान कोर्ट से अटर्नी जनरल खालिद जावेद खान ने कहा-
ICJ के आदेशों का पालन करते हुए पाकिस्तान ने भारत को राजनयिक पहुंच (Consular Access) दी। उन्होंने कोर्ट से यह भी कहा कि भारत ने वकील नियुक्त करने की पाकिस्तान की पेशकश का जवाब नहीं दिया है।
अटर्नी जनरल खालिद जावेद खान
दलीलें सुनने के बाद कोर्ट का सरकार को आदेश :
कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद सरकार को आदेश दिया कि, कुलभूषण जाधव मामले पर भारत को उसका ऑर्डर भेजा जाए और 3 अक्टूबर तक के लिए केस की सुनवाई स्थगित कर दी। पाकिस्तान जाधव के केस में पुनर्विचार याचिका के लिए इजाजत देने को ICJ के आदेश पर खास कानून लेकर आया है।
दरअसल, इस्लमाबाद हाईकोर्ट ने बीते दिनों पाक कानून मंत्रालय की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें कुलभूषण जाधव के लिए वकील नियुक्त करने की मांग की गई थी। इस मामले पर अदालत ने पाक कानून मंत्रालय को भारत उच्चायोग को एक बार फिर जाधव के लिए वकील नियुक्त करने के लिए आग्रह करने को कहा था।
क्या है ये मामला ?
भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव वर्ष 2016 से पाकिस्तान जेल में बंद हैं, क्योंकि पाकिस्तान के सुरक्षा बलों द्वारा उन पर भारत का एक जासूसी और आतंकवाद का आरोप लगाते हुए बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया था। तभी से इस मामले पर सुनवाई हो रही है, यहां तक की पाकिस्तान की ओर से कुलभूषण जाधव को मौत की भी सजा सुनाई थी, इसी के चलते भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (ICJ) में 2017 को इस मुद्दे को उठाया था। पिछले साल 2019 जुलाई में अदालत ने पाकिस्तान से कहा था कि, वो कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच दे और फांसी की सजा पर दोबारा विचार करें।
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