भारतीय विदेश मंत्री का पाक पर बड़ा बयान, भारत के लोगों की सोच पर तय किया जाएगा फैसला
पाकिस्तान, दुनिया। पाकिस्तान के हाल पहले ही कर्ज के चलते काफी ख़राब हैं। इतना ही नहीं पाक को दुनियाभर के देशों में सबसे गरीब देश के तौर पर ही जाना जाता है। पाक पर अन्य देशों का पहले ही काफी कर्ज है। इसके अलावा पाकिस्तान को आतंकवाद के समर्थक के तौर पर भी जाना जाता है। ये पाक के बुरे आर्थिक हालातों का मुख्य कारण है। इन सबके बीच भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने पाक को लेकर बड़ा बयान दिया है। उनका यह बयान लगातार बढ़ रहे आर्थिक संकट के बीच आया है।
भारतीय विदेश मंत्री का बयान :
दरअसल, पाकिस्तान के आर्थिक हालात दिन प्रति दिन खराब होते जा रहे हैं। pak इन दिनों आटे तक का मोहताज़ हो चुका है। इन सबके बीच भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने पाक को आतंकवाद का सरगना बताते हुए अपने बयान में कहा कि, 'कोई भी देश अपनी समस्याओं से तब तक बाहर नहीं आ सकता जब तक उसका मुख्य मकसद सिर्फ आतंकवाद रहेगा। पाकिस्तान अपनी मुश्किलों के लिए खुद जिम्मेदार है। अगर आप टेररिज्म इंडस्ट्री चलाएंगे तो इस तरह की बड़ी दिक्कतें तो आएंगी ही जहां तक उसको मदद देने का सवाल है तो हम सबसे पहले ये देखेंगे कि भारत के लोग इस बारे में क्या सोचते हैं।'
सब जानते हैं इसका जवाब :
बताते चलें, विदेश मंत्री ने एक लंबे समय के बाद पाकिस्तान पर कोई बयान जारी किया है। हालांकि, उन्होंने यह बयान भी विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित एशिया आर्थिक संवाद में पाक को लेकर पूछे गए एक सवाल पर ही दिया था। उनसे सवाल पूछा गया था कि, 'पाकिस्तान की इकोनॉमी बेहद खस्ताहाल है और क्या भारत को इस वक्त पाकिस्तान की मदद नहीं करनी चाहिए ? क्योंकि, भारत ने श्रीलंका को इसी तरह के हालात में हर तरह की मदद दी थी। इस पर उन्होंने यह बयान देते हुए यह भी कहा कि,
'आतंकवाद भारत-पाकिस्तान के बीच मुख्य मुद्दा है। इससे कोई भी बच नहीं सकता है। अगर मुझे अपने किसी बड़े फैसले को देखना है तो मैं यह भी देखूंगा कि, भारत की जनता की भावना क्या है। मेरे पास एक तर्क होगा कि मेरे लोग इसके बारे में क्या महसूस करते और सोचते हैं। और मुझे लगता है कि इसका जवाब सब जानते हैं। आज हमारी छवि एक ऐसे देश की है जो अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सब कुछ करने को तैयार है। हर देश की अपनी चुनौतियां हैं और कोई चुनौती राष्ट्रीय सुरक्षा से बड़ी नहीं हो सकती। यह काफी संयम रखने वाला देश है और यह ऐसा देश नहीं है जो दूसरों से लड़ता रहता है, लेकिन यह ऐसा देश भी नहीं है जिस पर दबाव बनाया जा सके या उसे पीछे धकेला जा सके। यह ऐसा देश है जो अपनी सीमा को किसी को लांघने नहीं देगा। जयशंकर ने कहा, कुछ वर्षों से हमारी पश्चिमी सीमा पर परीक्षा ली जा रही है। मैं समझता हूं कि चीजें इस बार थोड़ी अलग हैं और सभी लोग इस बात से सहमत होंगे।
जयशंकर, भारतीय विदेश मंत्री
कई मुद्दों पर कही बातें :
विदेश मंत्री ने आगे अपने बयान में कहा कि, 'हमें उत्तरी सीमा पर भी परखा जा रहा है और भारत इस परीक्षा से कैसे निपटेगा, यह मुकाबला करने की हमारी ताकत को प्रदर्शित करेगा। रूस-यूक्रेन युद्ध का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा इस मामले में हम पर दबाव आए, ऐसे क्षण भी आए जब हमारे स्वतंत्र भाव और विश्वास को परखने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि हमें दुनिया में एक स्वतंत्र और दूसरे के अधिकारों के लिए खड़े होने वाले देश के रूप में देखा जा रहा है और इसके साथ ही हम अन्य देशों की आवाज भी बन रहे हैं। डाटा सुरक्षा और डाटा गोपनीयता डिजिटल दुनिया की सबसे बड़ी चुनौतियां हैं और इनसे जुड़े मुद्दों पर जी-20 बैठक के दौरान समाधान किए जाने की उम्मीद है। G20 बैठक ऐसे समय में हो रही है जब यूक्रेन-रूस युद्ध, कोविड महामारी और विश्व मंच पर इसके प्रभावों जैसे कारकों ने तनाव की कई परतें जमा दी हैं।'
भारत की नेचुरल बॉन्डिंग :
जयशंकर ने कहा कि, 'लैटिन अमेरिकी और कैरेबियन देशों के साथ भारत की नेचुरल बॉन्डिंग है। प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर भी हमारे हित आपस में जुड़े हुए हैं। भारत का ध्यान व्यापार, निवेश और जलवायु परिवर्तन सहित कई क्षेत्रों में दो-तरफा विस्तार करने पर रहा है। लैटिन अमेरिका और कैरेबियन के साथ भारत का वार्षिक व्यापार 50 अरब अमेरिकी डालर से भी ज्यादा है और यह निरंतर बढ़ ही रहा है। यही नहीं अमेरिका, चीन, यूरोपीय संघ और आसियान देशों से हमारा वार्षिक व्यापार करीब 110-115 अरब डालर के बीच है।
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