राज एक्सप्रेस। अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी है। साथ ही उम्मीद भी जताई कि अच्छे परिणाम जल्द सामने आएंगे। अमेरिका के नेशनल हेल्थ इंस्टीट्यूट (एनआइएच) के एक बयान में कहा गया है कि इस ट्रायल को 18 से 55 वर्ष के 45 स्वस्थ वालंटियरों पर अंजाम दिया जाएगा। सोमवार को पहले प्रतिभागी को परीक्षण वाली वैक्सीन दी गई है। हालांकि, अभी वैक्सीन का परीक्षण पूरा होने में महीनों का समय लगेगा।
कोरोना वायरस की वैक्सीन के बारे में बताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'मुझे यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि कोरोना वायरस से लड़ने की दिशा में काम शुरू हो गया है। एक शख्स को वैक्सीन दी गई है और इसका चरण-1 क्लिनिकल परीक्षण शुरू कर दिया गया है। यह इतिहास में सबसे तेज वैक्सीन तैयार करने की दिशा में एक कदम उठाया गया है। हम एंटी वायरल थेरेपी और अन्य उपचार विकसित करने के लिए भी तेजी से कोशिश कर रहे हैं। हमारे पास कुछ आशाजनक शुरुआती परिणाम हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने कोरोना वायरस के फैलते प्रकोप के बीच अपने देश के नागरिकों को सतर्क करते हुए कहा कि, जहां तक संभव हो लोगों को घर में ही काम करना चाहिए। दस से अधिक लोगों के समूह में इकट्ठा होने से बचें। इसके साथ ही अगर बेहद जरूरी न हो, तो यात्रा न करें। इसके साथ ही बार, रेस्टोरेंट और सार्वजनिक जगहों पर खाने-पीने से बचें।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के महामारी एवं संचारी रोग-1(ईसीडी-1) विभाग के अध्यक्ष रमन आर गंगाखेड़कर ने बताया था कि पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआइवी) वायरस को पृथक करने में सफल हुआ है। हालांकि, विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत को कोरोना वायरस का टीका विकसित करने में डेढ़ से दो साल का समय लगेगा।
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