प्राकृतिक नहीं बल्कि कृत्रिम था तुर्की में आया भूकंप
प्राकृतिक नहीं बल्कि कृत्रिम था तुर्की में आया भूकंपSyed Dabeer Hussain - RE

प्राकृतिक नहीं बल्कि कृत्रिम था तुर्की में आया भूकंप? अमेरिका पर लग रहे साजिश के आरोप

सोशल मीडिया पर कई यूजर्स यह दावा कर रहे हैं कि तुर्की में आया भूकंप प्राकृतिक भूकंप नहीं था बल्कि इसे कृत्रिम रूप से पैदा किया गया था। यूजर्स इसे अमेरिका की साजिश करार दे रहे हैं।
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राज एक्सप्रेस। सोमवार को तुर्की और सीरिया में आए भूकंप के चलते वहां मरने वालों का आंकड़ा 19 हजार के पार पहुंच गया है। वहीं घायलों की संख्या 80 हजार के पार पहुंच गई है। अभी भी वहां हजारों लोग लापता हैं। बड़ी संख्या में लोग मलबे के नीचे फंसे हुए हैं। ऐसे में मृतकों और घायलों की संख्या में कई गुना ज्यादा बढ़ोतरी हो सकती है। भारत, अमेरिका सहित कई देशों ने इस प्राकृतिक आपदा में तुर्की की मदद करने के लिए अपनी टीमें भेजी हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर तुर्की में आए इस भूकंप को अमेरिकी साजिश से जोड़कर देखा जा रहा है। तो चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला।

प्राकृतिक नहीं कृत्रिम था भूकंप :

दरअसल सोशल मीडिया पर कई यूजर्स यह दावा कर रहे हैं कि तुर्की में आया भूकंप प्राकृतिक भूकंप नहीं था बल्कि इसे कृत्रिम रूप से पैदा किया गया था। यूजर्स इसे अमेरिका की साजिश करार दे रहे हैं। उनका मानना है कि अमेरिका ने अपने प्रोजेक्ट HAARP के जरिए तुर्की में भूकंप पैदा किया। अपने दावों के पीछे यूजर्स का तर्क है कि भूकंप के समय वहां आसमान में बिजली चमक रही थी जबकि यह आम बात नहीं है। उनका मानना है कि अमेरिका ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि तुर्की ने पश्चिमी देशों के बताए रास्ते पर चलने से इनकार कर दिया था।

क्या है प्रोजेक्ट HAARP?

बता दें कि HAARP असल में अमेरिका की एक परियोजना है, जिसमें वह रेडियो ट्रांसमीटर का उपयोग करके ऊपरी वातावरण अध्ययन करता है। यूनीवर्सिटी ऑफ अलास्का के अनुसार’ ‘HAARP दुनिया की सबसे सक्षम उच्च-शक्ति, उच्च-आवृत्ति ट्रांसमीटर है।’ ऐसे में कई लोगों का मानना है कि इस प्रोजेक्ट के जरिए अमेरिका मौसम को नियंत्रित कर सकता है। वह किसी भी क्षेत्र में बाढ़ या भूकंप ला सकता है।

पहले भी लगे थे आरोप :

हैती, चिली, जापान में आया भूकंप हो या पाकिस्तान में आई बाढ़ हो, इन सभी आपदाओं के पीछे प्रोजेक्ट HAARP के होने के आरोप लग चुके हैं। साल 2010 में ईरान के तत्कालीन राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने पाकिस्तान में आई बाढ़ के लिए प्रोजेक्ट HAARP को जिम्मेदार ठहराया था। वहीं उसी साल हैती में आए भूकंप के लिए वेनेजुएला के तत्कालीन राष्ट्रपति ह्यूगो चावेज ने प्रोजेक्ट HAARP की तरफ इशारा किया था। हालांकि प्रोजेक्ट HAARP के वैज्ञानिकों का मानना है कि इस प्रोजेक्ट के माध्यम से मौसम पर किसी तरह का नियंत्रण नहीं किया जा सकता है।

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