हाइलाइट्स :
निखिल गुप्ता की मुश्किलें बढ़ी।
चेक रिपब्लिक ने मामला सुरक्षित रखा।
अमेरिका न्यूयॉर्क कोर्ट में देगा सबूत।
नई दिल्ली। खालिस्तानी आतंकी पन्नू केस में आरोपी निखिल गुप्ता की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही। अमेरिका की एक अदालत ने सबूत देने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था। वहीं, अब चेक रिपब्लिक अदालत ने साफ कर दिया है कि सरकार चाहे तो आरोपी भारतीय को अमेरिका के हवाले कर सकता है। इस मामले में अभी फैसला सुरक्षित रख लिया गया है।
दरअसल, अमेरिका ने भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू को को मारने के आरोप लगाए थे। उसके बाद चेक रिपब्लिक में हिरासत में ले लिया गया। हालांकि, अमेरिका ने अब तक निखिल गुप्ता के खिलाफ सबूत नहीं पेश किये हैं। अमेरिका का कहना था कि वो निखिल गुप्ता को चेक रिपब्लिक से अमेरिका लाने के बाद ही न्यूयॉर्क की कोर्ट में सबूत देगा।
चेक रिपब्लिक की कोर्ट ने निखिल का मामला साफ़ कर दिया है। अब निखिल की उम्मीदें चेक के न्याय मंत्री पावेल ब्लेजेक पर टिकी हुई है। निखिल के प्रवक्ता ने कहा कि कोर्ट का फैसला सभी पक्षों को दिए जाने के बाद, मामले की सभी फाइलों को न्याय मंत्रालय को सौंप दिया जाएगा। इसके बाद ही ब्लेजेक तय करेंगे की निखिल गुप्ता के अमेरिका प्रत्यर्पण की अनुमति दी जाएगी या नहीं।
इधर निखिल गुप्ता के परिवार मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया है कि निखिल को एकांत कारावास में रखा गया है। साथ ही यह भी आरोप है कि उन्हें कांसुलर एक्सेस के तहत भारत में परिवार से संपर्क करने के अधिकार और क़ानूनी मदद लेने की स्वतंत्रता से वंचित कर दिया गया है। भारत में आरोपों की जांच के लिए कमेटी गठित कर चुका है।
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