चीन। दुनियाभर में जब कोरोना की शुरुआत हुई थी तब बहुत से मिथ सामने आये थे। उस समय भी खबरों का कहना था कि, कोरोना वायरस की उत्पत्ति चमगादड़ खाने से हुई है। वहीं, अब इस मामले में हुई एक जांच में चीन के वैज्ञानिकों ने चमगादड़ों में एक नए प्रकार के कोरोना वायरस होने की बात कही है।
चीनी वैज्ञानिकों का दावा :
दरअसल, दुनियाभर कोरोना वायरस के फैलने की शुरुआत होने पर ऐसी तमाम खबरें सामने आई थीं कि, कोरोना वायरस चमगादड़ से फैलता है, लेकिन बाद में इन खबरों को गलत बताया गया था। हालांकि, अब कोरोना की उत्पत्ति को लेकर नए सिरे से जांच हुई के बाद चीन के वैज्ञानिकों ने बड़ा दावा किया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि, चमगादड़ों में नए कोरोना वायरस के बैच का पता लगा है। इस मामले में एक रिपोर्ट भी जारी की गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक :
चीन के वैज्ञानिकों द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि, 'चमगादड़ों में पाए गए नए कोरोना वायरस में एक ऐसा वायरस शामिल है, जो आनुवांशिक रूप से कोविड-19 का दूसरा सबसे करीबी हो सकता है. उनका कहना है कि चीन के दक्षिण-पश्चिमी में खोज से सिर्फ इतना पता चलता है कि चमगादड़ों में कितने प्रकार के कोरोना वायरस हैं और कितने लोगों में फैलने की क्षमता रखते हैं। वायरसों में से एक आनुवांशिक रूप से SARS-CoV-2 वायरस के करीब था, जो वर्तमान में कोविड-19 महामारी की वजह बन रहा है।'
मिले 4 नए कोरोना वायरस :
शनडांग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने प्रकाशित हुई एक पत्रिका की रिपोर्ट में कहा है कि, "चमगादड़ की 23 प्रजातियों से रिसर्च के लिए 411 सैंपल इकट्ठे किए गए। उसके बाद चमगादड़ के मूत्र, मल और मुंह से प्राप्त नमूनों की जांच की गई। सैंपल जंगल में रहनेवाले छोटे चमगादड़ों से मई 2019 और नवंबर 2020 के बीच जुटाए गए थे। रिसर्च के दौरान हमने पाया कि 4 वायरस SARS-CoV-2 के समान थे।"
चीनी वैज्ञानिकों ने दी जानकारी :
चीनी वैज्ञानिकों ने जांच के बाद जानकारी देते हुए कहा, 'ये स्पाइक प्रोटीन पर आनुवांशिक अंतर को छोड़कर SARS-CoV-2 का सबसे करीबी स्ट्रेन हो सकता है। जून 2020 में थाईलैंड से इकट्ठा किए गए SARS-CoV-2 संबंधित वायरस के साथ, ये नतीजे स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि, SARS-CoV-2 से नजदीकी वायरस चमगादड़ की आबादी में प्रसारित होते रहे हैं, और कुछ क्षेत्रों में अपेक्षाकृत ज्यादा हो सकते हैं। अमेरिकी संस्था सेंटर फोर डिजीज एंड कंट्रोल के मुताबिक, वायरसों में निरंतर म्यूटेशन से बदलाव आते रहता है, और किसी वायरस के नए वेरिएन्ट्स होने की उम्मीद होती है। कभी-कभी नए वेरिएन्ट्स उभरते हैं और गायब हो जाते हैं. दूसरी बार, नए वेरिएन्ट्स बने रहते हैं।'
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