राज एक्सप्रेस। भारत-चीन के बीच बढ़ रहे तनावों के बीच भारत द्वारा 2 बार चीन पर डिजिटल स्ट्राइक कर चुका है। इससे चीन काफी बौखलाया हुआ था चीन ने उचित कदम उठाने की धमकी भी दी थी। परंतु अचानक ही चीन के तेवर बदले हुए नजर आ रहे हैं। चीन अब बात करके मामला निपटाने की कोशिश कर रहा है। दरअसल, भारत-चीन के रिश्तों को लेकर इंस्टीट्यूट ऑफ चाइनीज स्टडीज, दिल्ली द्वारा से वेबिनार आयोजित किया गया। जिसमें शामिल चीन के राजदूत ने दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को लेकर बयान दिया है।
चीन के राजदूत का कहना :
चीन के राजदूत सुन वीडॉन्ग का कहना है कि, भारत द्वारा उठाए जा रहे कदमों से सिर्फ चीन की अर्थव्यवस्था को ही नुकसान नहीं हो रहा है। बल्कि, ऐसा करने से दोनों देशों का नुकसान है। बता दें, चीन ने इन 106 एप्स पर बैन भारत के डाटा की सुरक्षा का हवाला देते हुए लगाया है। इस पर चीन के राजदूत का कहना है कि, भारत को चीन से किसी भी प्रकार का कोई खतरा नहीं है। बताते चलें, भारत सरकार द्वारा यह कदम घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाए हैं।
रंगीन टीवी के आयात पर रोक :
भारत द्वारा चीन के प्रति सख्त रवैया और ज्यादा बढ़ता ही जा रहा है। इतनी ऐप्स बैन करने के बाद अब भारत ने डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए एक और बड़ा कदम उठाते हुए चीन से भारत में आने वाले रंगीन टीवी के आयात पर भी रोक लगा दी है। दरअसल, गलवान घाटी में हुई भारत और चीनी की सेना की झड़प के दौरान भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। तब से भारत सरकार ने चीन से गैर-जरूरी वस्तुओं के आयात को कम करने के मकसद से कई बड़े फैसले किए हैं।
एक दूसरे पर टिकी है अर्थव्यवस्था :
चीन के राजदूत सुन वीडॉन्ग का कहना है कि, चीन और भारत की अर्थव्यवस्था एक दूसरे पर टिकी हुई हैं। यदि भारत चीन की अर्थव्यवस्था को भारत से अलग करता है तो, यह भारत के लिए नुकसानदायत साबित हो सकता है। चीनी राजदूत ने आगे कहा कि, साल 2018-19 में भारत में 92% कंप्यूटर, 82% TV, 80% आप्टिकल फाइबर और 85% मोटर साइकिल कंपोनेंट का आयात चीन से हुआ है। बताते चलें, पिछले कुछ समय में भारत-चीन के बीच ट्रेड को-ऑपरेशन से मोबाइल फोन, हाउसहोल्ड एप्लायंसेज, इंफ्रास्ट्रक्चर, ऑटोमोबाइल मेकिंग और दवाई जैसी इंडस्ट्री का विकास काफी तेजी से बढ़ा है।
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