चीन। भारत और चीन में जारी तनातनी के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश की सीमा से सटे क्षेत्रों लद्दाख समेत 7 राज्यों में 44 ब्रिजों का उद्घाटन किया, जो चीन को रास नहीं आया और इन नए पुलों के निर्माण से चीन की बेचैनी और बढ़ गई है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास का विरोध :
दरअसल, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने मंगलवार को अपनी प्रतिक्रिया में भारत द्वारा सीमा पर बनाए गए पुलों को लेकर कहा है कि, ''किसी भी पक्ष को इलाके में ऐसा कोई कदम उठाना चाहिए, जिससे स्थिति जटिल हो। चीन सैन्य निरीक्षण और नियंत्रण के उद्देश्य से किसी भी इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास का विरोध करता है।''
चीन ने भारत से सीमा विवाद की सबसे बड़ी वजह बताई है, चीन के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि,
भारत चीन से लगी सीमा पर इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास कर रहा है और सैनिकों की तैनाती बढ़ा रहा है जो तनाव की मूल वजह है।
झाओ लिजियान
कल एक साथ 44 ब्रिजों का हुआ लोकार्पण :
बता दें, पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन गतिरोध के बीच बीते दिन यानी 13 अक्टूबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सीमा सड़क संगठन (BRO) द्वारा 7 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 286 करोड़ रुपये की लागत से तैयार 44 ब्रिजों का लोकार्पण किया और नेचिफु टनल की भी आधारशिला रखी थी।
इन राज्यों में हैं ये 44 पुल :
बीआरओ द्वारा बनाए गए 44 पुल 7 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में हैं, जो इस प्रकार हैं-
जम्मू-कश्मीर में 10 पुल
लद्दाख में 8 पुल पुल
हिमाचल में 2 पुल
पंजाब में 4 पुल
उत्तराखंड में 8 पुल
अरुणाचल में 8 पुल
सिक्किम में 4 पुल
तो वहीं, अरुणाचल प्रदेश के तवांग के लिए नेचिपु सुरंग या कहे नेचिफु टनल की आधारशिला रखी, इस 450 मीटर लंबी सुरंग से नेचिफू पास के पार सभी मौसम में संपर्क सुनिश्चित होगा।
गौरतलब है कि, चीन ने पूर्वी लद्दाख में पुलों और सड़कों के निर्माण को रोकने के लिए एलएसी पर सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी थी।
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