चीन। चीन को आज हम एक वायरसों का केंद्र कह सकते हैं। क्योंकि, आज पूरी दुनिया में जिन वायरसों की भी चर्चा होती है। उसकी उतपत्ति चीन से ही हुई होती है। चाहे वो वर्तमान में फेल रहा कोरोना वायरस हो, बीते महीनों पहले सामने आया हंता वायरस हो या बीते दिनों पहले सामने आया स्वाइन फ्लू हो। इतने वायरस के सामने आने के बाद अब चीन के मंगोलिया स्वायत्त क्षेत्र के एक शहर से 'ब्यूबॉनिक प्लेग' (Bubonic Plague) वायरस या बीमारी का भी एक मामला सामने आया है। बता दें, इसे ब्लैक डेथ या काली मौत भी कहा जाता है।
क्या है ब्यूबॉनिक प्लेग वायरस :
चीन से सामने आया ब्यूबॉनिक प्लेग वायरस भी एक बहुत ही खतरनाक और जानलेवा बीमारी फैलाने वाला वायरस है। बता दें, ब्यूबॉनिक प्लेग की चपेट में आने से पहले भी दुनियाभर में लाखों लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, चीन से इस वायरस का अभी एक ही मामला सामने आया है जिसके बाद से अधिकारियों ने सतर्कता बढ़ा दी है। इतना ही नहीं उत्तरी चीन में ब्यूबोनिक प्लेग के मामले की जानकारी लगते ही वहां 2020 के तक के लिए अलर्ट जारी (तीसरे स्तर की चेतावनी) कर दिया गया है। इससे पहले यह जानलेवा वायरस पूरी दुनिया में तीन बार फेल चुका है। जिसमें से पहली बार इसकी चपेट में आने से 5 करोड़, दूसरी बार में पूरे यूरो की एक तिहाई आबादी और तीसरी बार में 80 हजार लोगों की मौत हो गई थी।
जंगली चूहों से फैलता है यह वायरस :
बताते चलें, शनिवार को बायानूर शहर के एक अस्तपाल से जैसे ही ब्यूबॉनिक प्लेग का मामला सामने आया तुरंत ही पीड़ित मरीज को क्वारंटीन में रख दिया गया और सभी को सचेत रहने को कहा गया है। हालांकि, इस बीमारी का इलाज संभव है लेकिन फिर भी यह एक जानलेवा बीमारी है। पीड़ित मरीज का इलाज चल रहा है और उसकी हालात स्थिर बताई जा रही है। जानकारी के लिए बता दें, ब्यूबॉनिक प्लेग यर्सिनिया पेस्टिस (Yersinia Pestis) बैक्टेरिया के इन्फेंक्शन से होता है और यह ख़तरनाक बैक्टेरिया जंगली चूहों में पाए जाते हैं। हालांकि, इस मरीज में यह वायरस कहा से आया इस बात की कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
ब्यूबोनिक प्लेग के लक्षण :
बता दें, यदि कोई इस ब्यूबॉनिक प्लेग नाम के वायरस की चपेट में आ जाता है तो उसके शरीर के लिंफ नोड्स, खून और फेफड़ों पर सीधा असर करता है। इसके लक्षण उंगलियों का काला पड़कर सड़ने लगना और यही हाल धीरे-धीरे नाक का भी होने लगता है।
शरीर में असहनीय दर्द
तेज बुखार
नाड़ी तेज चलने लगना
कुछ ही दिन में गिल्टियां निकलती दिखेंगी इसके 14 दिन बाद गिल्टियां पक जाती हैं। इनमें अंतहीन दर्द होता है।
इस तरह के लक्षण दिखने पर इलाज के लिए एंटी बायोटिक दवा का इस्तेमाल किया जाता है। ब्यूबोनिक प्लेग को ब्लैक डेथ या काली मौत के साथ ही गिल्टीवाला प्लेग नाम से भी जाना जाता है।
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