जानिए टीटीपी कौन है और वह क्यों पाकिस्तान में लगातार कर रहा हैं आतंकी हमले?
राज एक्सप्रेस। सोमवार को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पेशावर में एक दिल दहला देने वाला आत्मघाती बम विस्फोट हुआ। इस घटना में 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई जबकि 150 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। मरने वालों में ज्यादातर पुलिसकर्मी थे। दरअसल यह हमला पेशावर के बेहद सुरक्षित माने जाने वाले पुलिस परिसर में बनी एक मस्जिद में हुआ। आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने इस हमले की जिम्मेदारी है। वैसे देखा जाए तो बीते कुछ सालों से टीटीपी लगातार पाकिस्तान में हमले कर रहा है। वह अब तक पाकिस्तान में कई बड़े हमले कर चुका है। ऐसे में आज हम जानेंगे कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) कौन है? और वह क्यों पाकिस्तान में लगातार हमलों को अंजाम दे रहा है?
कौन है टीटीपी?
दरअसल तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) असल में पाकिस्तान के चरमपंथी गुटों का एक संगठन है, जिसने अपनी ही सरकार के खिलाफ लड़ाई छेड़ दी है। वैसे तो पाकिस्तान में कई आतंकी संगठन हैं, लेकिन उनमें से तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को सबसे बड़ा आतंकी संगठन माना जाता है। इसका कारण यह है कि यह संगठन मासूम बच्चों को भी अपना निशाना बनाने से नहीं चूकता। आसान भाषा में कहे तो जिस तरह अफगानिस्तान में तालिबान है उसी तरह पकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान है।
क्या है टीटीपी की मांग?
दरअसल जिस तरह से तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्ज़ा करके वहां शरिया कानून लागू कर रहा है। उसी तरह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान भी चाहता है कि पाकिस्तान भी शरिया कानून के हिसाब से ही चले। अमेरिकी सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार टीटीपी का मकसद पाकिस्तानी सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ आंतकी अभियान छेड़कर वहां की सरकार को उखाड़ फेंकना है और खुद सत्ता में आना है।
कई बड़े हमले कर चुका है टीटीपी :
टीटीपी रोजाना पाकिस्तान में आतंकी हमले कर रहा है। पिछले कुछ समय में टीटीपी के हमलों में तेजी आई है। टीटीपी अब तक हजारों पाकिस्तानियों की जान ले चुका है। साल 2008 में इस्लामाबाद के मैरियट होटल में हुआ हमला टीटीपी ने ही किया था। इसके अलावा साल 2009 में आर्मी हेडक्वॉर्टर पर हुआ हमला हो या साल 2012 में मलाला युसुफजई पर हुआ हमला हो दोनों में टीटीपी का हाथ था। पाकिस्तान में टीटीपी ने सबसे घिनौना हमला साल 2014 में पेशावर के आर्मी स्कूल में किया था। इस हमले में 131 मासूम बच्चों सहित 150 लोगों की मौत हो गई थी।
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