क्या है शंघाई सहयोग संगठन? क्या है शंघाई सहयोग संगठन का काम और उद्देश्य?
राज एक्सप्रेस। उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन का आगाज हो चुका है। यह सम्मलेन 15 और 16 सितम्बर को आयोजित हो रहा है। सम्मेलन का हिस्सा बनने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी पहुँच चुके हैं। आज शाम को पीएम मोदी रूस के राष्ट्र्पति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक करने वाले हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह शंघाई सहयोग संगठन (SCO) क्या है? और इसका क्या महत्व है?
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) क्या है?
शंघाई सहयोग संगठन एक तरह का अंतर सरकारी संगठन है,जिसे राजनीति, अर्थशास्त्र, विकास और सेना आदि के मुद्दों पर ध्यान देने के लिए बनाया गया है। इस संगठन की शुरुआत साल 1996 के दौरान शंघाई फाइव के रूप में की गई थी, जिसमें चीन, रूस, कजाकिस्तान, तजाकिस्तान और किर्गिस्तान के नेता शामिल थे। वहीँ वर्तमान में इस संगठन से आठ सदस्य देश जुड़ चुके हैं। इन देशों में भारत, पाकिस्तान, उज्बेकिस्तान सहित चार पर्यवेक्षक देश और छह संवाद भागीदार देश भी शामिल किए जा चुके हैं।
शंघाई सहयोग संगठन का महत्व :
इस संगठन का उद्देश्य देशों की क्षेत्रीय सुरक्षा पर ध्यान देने के साथ ही, सीमा से जुड़े विवादों को हल करना, आतंकवाद पर रोक लगाना और विकास पर जोर दिया जाना है। वहीं भारत के लिए इसके महत्व की बात करें तो शिखर सम्मेलन के आखिर में भारत देश इसकी अध्यक्षता ग्रहण करने वाला है। जिसके बाद सितंबर 2023 तक भारत के पास ही शंघाई सहयोग संगठन की अध्यक्षता रहेगी। शंघाई सहयोग संगठन हर वर्ष में एक बार किया जाता है।
पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात होगी खास :
आज शाम को समरकंद रेजेंसी होटल में शाम करीब 4 :10 बजे से 4 : 45 बजे तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्र्पति व्लादिमीर पुतिन के बीच एक द्विपक्षीय वार्ता होने वाली है। यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध के दौरान दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात होने वाली है। इसके चलते पूरे देश की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं।
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