चीन में विरोध प्रदर्शन के चलते सुर्खियों में आया तियानमेन नरसंहार
चीन में विरोध प्रदर्शन के चलते सुर्खियों में आया तियानमेन नरसंहारSyed Dabeer Hussain - RE

चीन में विरोध प्रदर्शन के चलते सुर्खियों में आया तियानमेन नरसंहार, जानिए क्या है पूरा मामला?

चीन में हो रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर एक बार फिर आशंका जताई जा रही है कि कहीं साल 1989 में हुए तियानमेन नरसंहार की तरह इस बार भी प्रदर्शन को कुचल तो नहीं दिया जाएगा।
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राज एक्सप्रेस। चीन में इस समय लोग सरकार के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं। लोग सरकार की ‘जीरो कोविड नीति’ का विरोध कर रहे हैं। इस दौरान सड़कों पर ‘कम्युनिस्ट पार्टी सत्ता छोड़ो’, ‘जिनपिंग गद्दी छोड़ो’, ‘देश को अनलॉक करो’ जैसे नारे भी लग रहे हैं। प्रदर्शन की शुरुआत चीन की राजधानी बीजिंग से हुई थी, लेकिन अब इसकी आंच देश में 13 शहरों में फ़ैल चुकी है। कहा जा रहा है कि जिनपिंग के 10 साल के शासन में यह पहला मौका है जब उनकी सरकार के खिलाफ इतने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहा है। इस विरोध प्रदर्शन को लेकर एक बार फिर आशंका जताई जा रही है कि कहीं साल 1989 में हुए तियानमेन नरसंहार की तरह इस बार भी प्रदर्शन को कुचल तो नहीं दिया जाएगा।

तियानमेन नरसंहार क्या है?

दरअसल साल 1989 में राजनीतिक स्वतंत्रता का दायरा बढ़ाए जाने की मांग को लेकर चीन में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हुआ। इन प्रदर्शनों में बड़ी संख्या में उन लोगों ने भी हिस्सा लिया जो विदेशों में रह चुके थे और लोकतंत्र की अहमियत का अंदाजा उन्हें हो चुका था। ऐसे में सरकार के विरोध में करीब 10 लाख लोग बीजिंग के तियानमेन चौक पर जुट गए।

बेरहमी से कुचला गया था प्रदर्शन :

चीनी सरकार ने अपने खिलाफ होने वाले प्रदर्शन को बुरी तरह से कुचल दिया। सरकार ने बीजिंग में मई के आख़िरी दो हफ़्तों में मार्शल लॉ लागू कर दिया। इसके बाद 3 और 4 जून की रात को चीनी सेना टैंक लेकर तियानमेन चौक पहुँच गई और लोगों को वहां से हटने की चेतावनी दे दी। जब लोग वहां से नहीं हटे तो चीनी सेना ने अपने ही देश के निहत्थे नागरिकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाना शुरू कर दी। सेना ने प्रदर्शनकारियों पर टैंक चढ़ा दिए। उस समय चार टैंकों के सामने खड़े एक शख्स की तस्वीर भी दुनियाभर में सुर्खियों में रही थी।

कितने लोगों की हुई मौत?

तियानमेन चौक पर हुए इस नरसंहार में कितने लोगों की जान गई थी, इसका सटीक आंकड़ा आज तक पता नहीं चल सका है। हालांकि चीनी सेना ने अपने बयान में कहा था कि इस घटना में 200 आम लोगों और कई दर्जन सैनिकों की मौत हुई है। वहीं चीन के आम नागरिकों के अनुसार उस घटना में 3000 लोगों की मौत हुई थी। इसके अलावा ब्रितानी सरकार ने 10 हजार लोगों के नरसंहार की आशंका जताई थी।

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