पाकिस्तान, दुनिया। पाकिस्तान के हाल पहले ही कर्ज के चलते काफी ख़राब हैं। क्योंकि, पाक पैर से लेकर सर तक कर्ज में डूबा हुआ है। पाक पर अन्य देशों का पहले ही काफी कर्ज है। इतना ही नहीं पाक की गिनती पहले ही दुनियाभर के देशों में सबसे गरीब देश के तौर पर होने लगी थी। इसी बीच हाल ही में पाक बिजली संकट का सामना करने के बाद इन दिनों सेना को हो रही परेशानी से परेशान है। जी हां, इन दिनों पाकिस्तान के हाल ऐसे हैं कि, वह पूरी तरह दूसरे देशों पर निर्भर होता जा रहा है। वह अब अमेरिका से फंडिंग और हथियार मांगने को भी मजबूर है।
पाक कर रहा अमेरिका से अनुरोध :
दरअसल, पाकिस्तान में आर्थिक संकट का असार अब तो देश की सेना पर भी दिखने लगा है। इस संकट के चलते वह अपने खर्चों में कटौती करने पर मजबूर हो चुकी है। हाल ही में अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को कर्ज देने से माना कर दिया था। जिसके बाद अब पाक ने अमेरिका से मिलिट्री फंडिंग और बिक्री को बहाल करने का अनुरोध किया है। बता दें, पाकिस्तान के राजदूत मसूद खान ने गुरुवार को अमेरिका के वॉशिंगटन में एक सेमिनार को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि, 'यह महत्वपूर्ण है कि अमेरिका पाकिस्तान के लिए विदेशी सैन्य वित्तपोषण और विदेशी सैन्य बिक्री को बहाल करे, जिसे पिछले प्रशासन ने निलंबित कर दिया था।'
वॉशिंगटन और इस्लामाबाद के संबंध हो रहे खराब :
खबरों की मानें तो अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्तान से वापस लौटने के बाद से अमेरिका और पाकिस्तान के संबंध काफी उलझन में हैं। उधर यह बात तो जगजाहिर है कि, अमेरिका और चीन दुश्मन हैं। यही कारण है कि, वॉशिंगटन और इस्लामाबाद के बीच संबंध दिन प्रति दिन तनावपूर्ण होते जा रहे हैं। इससे पहले से बुरे आर्थिक हालातों से गुजर रहे देश की अर्थव्यवस्था और बिगड़ी ही जा रही है। इस मामले में पाकिस्तानी अखबार द्वारा छापी गई एक रिपोर्ट की मानें तो, उसमे कहा गया है कि, 'दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिकी प्रिंसिपल डेप्युटी असिस्टेंट सेक्रेटरी एलिजाबेथ होर्स्ट भी इस कार्यक्रम में मौजूद थीं।
IMF की शर्तों से भी पाक परेशान :
बताते चलें, इन दिनों पाकिस्तान हर तरफ से किसी न किसी संकट से जुंझ रहा है। चाहे वो अम्रेरिका और चीन से ख़राब रिश्तों के कारण हो। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भी पाकिस्थान को फंड देने की शर्ते रख दी थी। इसी बीच अब एलिजाबेथ होर्स्ट ने पाकिस्तान की खराब अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए मदद को लेकर ध्यान केंद्रित किया। साथ ही इस्लामाबाद से IMF के साथ काम करने को लेकर आग्रह किया। एलिजाबेथ होर्स्ट ने कहा, 'पाकिस्तान और IMF जिन सुधारों पर सहमत हैं, वे आसान नहीं हैं, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि, पाक देश को मजबूत वित्तीय स्तर पर वापस लाने के लिए ये कदम उठाए। और अधिक कर्ज में फंसने से बचे और मुल्क की अर्थव्यवस्था को आगे बढाएं।'
वॉशिंगटन ने इस्लामाबाद से शर्तें मानने को कहा :
वॉशिंगटन ने इस्लामाबाद से IMF द्वारा रखी गई शर्तों को मानने के लिए कहा है। यदि पाक IMF की हसरत मानता है तो ही वह pak को कर्ज देगा। जो कि, फिलहाल बहुत कठिन नजर आरहा है। उधर पाकिस्तानी राजदूत ने कहा कि, 'पाकिस्तान ने रूसी तेल का अपना पहला ऑर्डर दिया है और ऐसा अमेरिकी सरकार के परामर्श से किया है।' यह सब करके पाक अमेरिका से अपने संबंध सुधारने की कोशिश कर रहा है।
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