बांग्लादेश-म्यांमार सीमा पर लैंडफॉल की संभावना, मौसम विज्ञान का अलर्ट और WHO की चेतावनी जारी
बांग्लादेश, दुनिया। इन दिनों बांग्लादेश-म्यांमार भारी चक्रवात और लैंडफॉल के चलते काफी चर्चा में हैं। यहां मौसम खराब होने के कारण लोगों में डर का माहौल छाया हुआ है। ऐसे में अब उष्णकटिबंधीय ‘मोका’ चक्रवात बंगाल की खाड़ी से होते हुए बांग्लादेश और म्यांमार की सीमा के पास पहुंच चुका है। इससे पैदा होने वाले खतरे को भांपते हुए 'विश्व मौसम विज्ञान संगठन' (WMO) ने अलर्ट और 'विश्व स्वास्थ्य संगठन' (WHO) ने चेतावनी जारी कर दी है।
मौसम विज्ञान ने जारी किया अलर्ट :
इन दिनों बांग्लादेश का मौसम बहुत ही ज्यादा खराब नजर आरहा है। जिसके चलते विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने अलर्ट जारी करते हुए बांग्लादेश में तेज हवाओं, बाढ़ और संभावित भूस्खलन का अलर्ट जारी किया है। इतना ही नहीं उष्णकटिबंधीय ‘मोका’ (Moka) चक्रवात को लेकर WMO ने कहा है कि, 'मोका बहुत खतरनाक हो गया है। यह बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में दुनिया के सबसे बड़े शरणार्थी शिविर को प्रभावित कर सकता है। इसी के साथ रविवार (14 मई) दोपहर तक बांग्लादेश-म्यांमार सीमा के पास लैंडफॉल की भी संभावना है।' WMO की मानें तो, इन दिनों बांग्लादेश के इलाकों में 175 किलोमीटर प्रति घंटे यानि 108 मील प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं।
विश्व मौसम की भविष्यवाणी :
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) कार्यालय ने भविष्यवाणी करते हुए निचले तटीय क्षेत्र में दो से ढाई मीटर (छह से आठ फीट) के बीच तूफान बढ़ने की बात भी कही है। यह क्षेत्र बांग्लादेश का कॉक्स बाजार माना जाता है। इसी क्षेत्र में लाखों रोहिंग्या शरणार्थियों के शिविर मौजूद हैं। उधर संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी की प्रवक्ता ओल्गा सर्राडो (Olga Sarrado) ने कहा कि, 'जरूरत पड़ने पर शिविर को आंशिक रूप से खाली करने की तैयारी की जा रही है। एजेंसी हजारों लोगों के गर्म भोजन के पैकेट और जेरीकैन तैयार कर रही है।'
WHO की चेतावनी :
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के अलर्ट को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी चेतावनी जारी कर दी है। WHO ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि, 'वह शिविरों के लिए 33 मोबाइल मेडिकल टीमों और 40 एंबुलेंस के साथ-साथ आपातकालीन सर्जरी और हैजा किट की तैयारी कर रहा है। इसी के साथ म्यांमार में पानी साफ करने वाली पांच लाख गोलियों की व्यवस्था की गई है, जो पूरे मानसून मौसम का स्टॉक है। WHO की मार्गरेट हैरिस ने कहा है कि, अगर यह चक्रवात के स्तर में बदल जाता है जिससे हम डरते हैं, तो हमें वास्तव में तैयार रहने की जरूरत है।'
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