समुद्र में 30 साल तक रेडियोएक्टिव पानी छोड़ेगा जापान, जानिए इससे कितना बड़ा खतरा?

संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि इस पानी के हल्के-फुल्के असर हो सकते हैं, लेकिन गंभीर बीमारी नहीं होगी। वहीं कई स्टडी में यह सामने आ चुका हैं कि इससे कैंसर का खतरा रहता है।
समुद्र में 30 साल तक रेडियोएक्टिव पानी छोड़ेगा जापान
समुद्र में 30 साल तक रेडियोएक्टिव पानी छोड़ेगा जापानRaj Express
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हाइलाइट्स :

  • साल 2011 में जापान में विनाशकारी भूकंप आया था।

  • इस प्राकृतिक आपदा के चलते जापान के फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट में भयानक विस्फोट हुआ था।

  • इसके चलते वहां 133 करोड़ लीटर रेडियोएक्टिव पानी जमा हो गया था।

राज एक्सप्रेस। साल 2011 में जापान में विनाशकारी भूकंप आया था। 9.0 की तीव्रता वाले भूकंप ने ऐसी सुनामी को जन्म दिया, जिसके चलते करीब 20 हजार लोग मारे गए थे। वहीं हजारों लोग घायल और लापता हो गए थे। इस प्राकृतिक आपदा के चलते जापान के फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट में भयानक विस्फोट हुआ था। इसके चलते वहां 133 करोड़ लीटर रेडियोएक्टिव पानी जमा हो गया था। जापान का यह न्यूक्लियर प्लांट उस घटना के बाद से ही बंद पड़ा है। अब इस पानी से मुक्ति पाने के लिए जापान ने इसे समुद्र में छोड़ने का फैसला किया है। जापान अगले 30 सालों तक इस पानी को समुद्र में बहाता रहेगा। तो चलिए जानते हैं कि जापान के इस फैसले का क्या असर होगा?

क्या होगा असर?

दरअसल कहा जा रहा है कि जापान ने इस पानी को ट्रीटमेंट से गुजारा, जिसके चलते इस पानी से तमाम हानिकारण तत्वों को बाहर निकाल लिया गया है। हालांकि इस पानी में अब भी रेडियोएक्टिव यानि ट्राइटियम बाकी है। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि इस पानी के हल्के-फुल्के असर हो सकते हैं, लेकिन गंभीर बीमारी नहीं होगी। वहीं कई स्टडी में यह सामने आ चुका हैं कि इससे कैंसर का खतरा रहता है।

कई देशों ने किया विरोध

जापान ने कहा है कि वह एक साथ सारा पानी समुद्र में छोड़ने की बजाय अगले 30 साल तक थोड़ा-थोड़ा पानी समुद्र में मिलाएगा। इसके अलावा जापान द्वारा जहां पानी छोड़ा जाएगा, वहां से तीन किलोमीटर तक की दूरी तक मछली पकड़ने पर रोक लगा दी गई है। हालांकि जापान के इस फैसले का चीन, साउथ कोरिया और हॉन्गकॉन्ग सहित अन्य देश विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि इससे यह रेडियोएक्टिव मछलियों के जरिए मनुष्य के शरीर में जाकर गंभीर बीमारी पैदा कर सकता है। इसको देखते हुए हॉन्गकॉन्ग और चीन ने जापान से सी फूड इम्पोर्ट करने पर ही पाबंदी लगा दी है।

क्या है रेडियोएक्टिव?

आपको बता दें कि रेडियोएक्टिव उसे कहा जाता है, जिसमें से खतरनाक रेडिएशन निकलता है। इसे खत्म होने में कुछ दिनों से लगाकर सैकड़ो साल तक लग जाते हैं। इसके संपर्क में आने से गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है।

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