हाइलाइट्स :
जापान की अर्थव्यवस्था 0.4 प्रतिशत का संकुचन।
जापानी अर्थवस्था की उत्पादकता में अप्रत्याशित गिरावट।
अर्थव्यवस्था में मंदी का श्रेय जापान की करेंसी येन को भी।
Japan Economy : जापान। आर्थिक मंदी (Economic Recession) के चलते जापान ने विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने का टैग खो दिया है। जापान की अर्थव्यवस्था में अप्रत्याशित गिरावट देखी गई। गुरुवार को सामने आए आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है। पिछले तीन महीनों में जापान की अर्थव्यवस्था 0.4 प्रतिशत संकुचित (Contraction) हुई जिसके चलते जापानी अर्थव्यवस्था टेक्निकली रिसेशन मोड में चली गई है।
जापान अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। जारी किए गए सरकारी आंकड़ों से पता चला है कि, जापान की अर्थव्यवस्था, जर्मनी की अर्थव्यवस्था से पीछे रह गई है। दरअसल जापानी अर्थव्यवस्था ने अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता और उत्पादकता खो दी है और जापानी लोगों की उम्र बढ़ने के साथ जनसंख्या कम हो गई है। इस्सका प्रभाव भी अर्थव्यवस्था पर पड़ा है।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भी जापान के चौथे स्थान पर गिरने का अनुमान लगाया था। युवा शक्ति में कमी होने से जापान की अर्थवस्था की उत्पादकता घटी है कोरोना महामारी के बाद से ही जापान अर्थव्यवस्था ने अच्छा परफॉर्म नहीं किया है।
इसके अलावा कमजोर घरेलू खपत के कारण भी जापान की अर्थव्यवस्था में मंदी आई है। घरेलू खपत जापान की अर्थव्यवस्था का आधा हिस्सा है। इसमें 0.2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। अधिक कीमतों के चलते भी जापान के नागरिक उपभोग की वस्तुओं पर कम खर्च कर रहे हैं।
अर्थव्यवस्था के खराब प्रदर्शन का श्रेय येन को भी जाता है। दरअसल, जापान की करेंसी येन की वैल्यू अमेरिका के डॉलर के सामने घटी है। इससे जापान द्वारा आयातित वस्तुओं के मूल्य में वृद्धि हुई। मूल्य वृद्धि के चलते जापान की अर्थव्यवस्था में खपत में कमी आई और अब देश आर्थिक मंदी का सामना कर रहा है।
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