पांच बड़े कारण, जिसके चलते तबाह हो गई श्रीलंका की अर्थव्यवस्था
राज एक्सप्रेस। इस समय श्रीलंका सबसे ज्यादा बुरे दौर से गुजर रहा है। अपने इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट के कारण श्रीलंका में जहां एक तरफ खाने-पीने की चीजों की भी किल्लत हो गई है, वहीं दूसरी तरफ लोगों के विरोध प्रदर्शन के चलते राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे भी अपना आवास छोड़कर भाग चुके हैं। साथ ही प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने भी औपचारिक रूप से अपना इस्तीफा दे दिया है। तो चलिए जानते हैं वह 5 बड़े कारण, जिनके चलते श्रीलंका की अर्थव्यवस्था तबाह हो गई।
कोरोना :
श्रीलंका की कुल अर्थव्यवस्था में उसके टूरिज्म सेक्टर का योगदान 10 प्रतिशत था, लेकिन कोरोना महामारी के चलते लगी पाबंदियों ने श्रीलंका के टूरिज्म सेक्टर को पूरी तरह बर्बाद कर दिया। इससे श्रीलंका को काफी नुकसान हुआ।
ऑर्गेनिक खेती :
श्रीलंका की सरकार ने ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक दम से फर्टिलाइजर्स बैन करके 100 फीसदी ऑर्गेनिक खेती करने का निर्णय लिया। इससे श्रीलंका में कृषि प्रोडक्शन आधा रह गया। जिस कारण श्रीलंका में चावल-चीनी सहित अन्य चीजों की भारी किल्लत हो गई।
विदेशी कर्ज :
श्रीलंका ने पिछले कुछ समय में भारत, जापान, चीन सहित अन्य देशों से भारी कर्ज लिया, लेकिन इस कर्ज का सही उपयोग नहीं किया। भारी-भरकम कर्ज के चलते श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पर ब्याज और किश्त का भारी दबाव पड़ा। इस कारण श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार कम हो गया और वह जरूरत की चीजों का भी आयात नहीं कर पा रहा है।
टैक्स में कटौती :
श्रीलंका की सरकार ने साल 2019 में लोगों को राहत देते हुए टैक्स में कटौती की थी। इस कारण सरकार की आय में 30 प्रतिशत की गिरावट आई, जिससे देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई।
भ्रष्टाचार :
श्रीलंका में पिछले करीब 2 दशकों से राजपक्षे परिवार का दबदबा रहा है। राजपक्षे परिवार पर आरोप है कि इन्होने विदेशों से लिए गए कर्ज को देश के लिए इस्तेमाल करने की बजाय अपने निजी हित के लिए इस्तेमाल किया। श्रीलंका में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री, सिंचाई मंत्री, युवा खेल मंत्री सभी राजपक्षे परिवार से ही आते हैं। इन सभी पर भ्रष्टाचार करने के आरोप लग रहे हैं।
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