पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में गिरावट सरकार की विफलता का संकेत : शेरी रहमान
इस्लामाबाद। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीए) की संसदीय दल की नेता शेरी रहमान ने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट सरकार की विफलता का संकेत है। सुश्री रहमान ने यहां संवाददाताओं से कहा कि एक तरफ सरकार अपने प्रदर्शन की एक गुलाबी तस्वीर पेश कर रही है , वहीं दूसरी ओर विश्व बैंक के आंकड़े बताते हैं कि मई 2020 से मई 2021 तक एक साल की अवधि में , पाकिस्तान में खाद्य कीमतों में 14.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं कि देश की आबादी का 68 प्रतिशत हिस्सा स्वस्थ आहार से वंचित है।
उन्होंने कहा कि चौंकाने वाला तथ्य यह है कि पाकिस्तान में खाद्य मुद्रास्फीति की दर करीब 11 प्रतिशत है, जो भारत और बंगलादेश दोनों की तुलना में अधिक है। यह स्पष्ट है कि देश के आर्थिक विकास दर में 29.3 प्रतिशत की कमी आई है। देश में बेरोजगारी दर 6.2 फीसदी से बढ़कर 15 फीसदी हो गई है। वहीं गरीबी दर बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई है तथा 20 लाख से अधिक लोग गरीबी रेखा से नीचे आ गए हैं। चालू खाता घाटे में वापस आ गया है जबकि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में 39 प्रतिशत की गिरावट आयी है।
पीपीपी नेता ने पिछले तीन वर्षों में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की सरकार ने प्रमुख ऋण आंकड़ों को छुपाया और अपनी अक्षमता को छिपाने के लिए संदिग्ध जीडीपी आंकड़े पेश किए। खाद्य मुद्रास्फीति इस क्षेत्र में सबसे अधिक है, और बेरोजगारी दर छह प्रतिशत से बढ़कर 15 प्रतिशत हो गई है। गेहूं, चीनी और तेल संकट से अरबों का नुकसान हुआ है। उन्होंने सवाल उठाया कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था वेंटिलेटर पर है तो सरकार ने आखिर ऐसा क्या किया है जो जश्न मनाने लायक है?
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