हाइलाइट्स
बैट वुमन ने दी सफाई
TV पर दिया साक्षात्कार
कहा- इससे भी खतरनाक संभव
राज एक्सप्रेस। चमगादड़ और उनसे जुड़े वायरस के बारे में अपने शोध के लिए "बैट वुमन" के रूप में पहचानी जाने वाली शि झेंगली ने राज्य संचालित टेलीविजन पर साक्षात्कार में कहा, "हमने जो वायरस खोजा है, वह वास्तव में आइसबर्ग टिप है।"
उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उन आरोपों का भी हवाला दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि; कोविड-19 की उत्पत्ति वुहान प्रयोगशाला से हुई है जहां वह (शि झेंगली) चमगादड़ों पर जारी शोध में एक प्रमुख शोधकर्ता हैं।
रहस्यमय ढंग से थीं गायब -
चीनी वायरॉलजिस्ट जिनके रहस्यमय ढंग से गायब होने पर कथित तौर पर वुहान में बायो-लैब से उपजे घातक कोरोना वायरस के बारे में अटकलें सरगर्म थीं। उन्होंने पहली दफा चाइना के स्टेट टेलिविज़न को साक्षात्कार दिया। इसमें उन्होंने चेतावनी दी है कि ऐसे (कोविड-19) वायरस महज आइसबर्ग के टिप मात्र हैं। साथ ही वायरस विज्ञानी ने विज्ञान का राजनीतिकरण करने पर खेद भी जताया।
इसलिए नाम पड़ा "बैट वुमन" -
चमगादड़ और उनसे जुड़े विषाणुओं के बारे में शोध के लिए "बैट वुमन" के रूप में पहचानी जाने वाली शि झेंगली ने इस महीने की शुरुआत में अपने चीनी सोशल मीडिया वीचैट अकाउंट पर पश्चिम के प्रति अपने रुझान संबंधी "अफवाहों" का खंडन किया था। झेंगली ने अपने हाल ही के जीवन की नौ तस्वीरें भी सोशल मीडिया में पोस्ट कीं।
टेलिविजन पर कहा -
मंगलवार को झेंगली का राज्य में संचालित टेलीविजन सीजीटीएन पर साक्षात्कार प्रसारित हुआ। इसमें उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आरोपों का भी हवाला दिया। आपको ज्ञात हो ट्रंप ने कहा था कि; कोविड-19 की उत्पत्ति वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरॉलजी (WIV) से हुई है जहां वह (शि झेंगली) चमगादड़ पर एक प्रमुख शोधकर्ता हैं।
शि ने बताया कि उन्होंने और शोधकर्ताओं के एक समूह ने पिछले साल 30 दिसंबर को कोरोनावायरस के नमूने प्राप्त किए और नमूनों की उच्च-प्रवाह क्षमता अनुक्रमण और रोग जनकों के अलगाव का प्रदर्शन किया था।
“और फिर बहुत ही कम समय में, हमने पहचान लिया कि यह इन नमूनों में एक नए प्रकार का कोरोना वायरस था। हमने इसका पूरा जीनोम अनुक्रम प्राप्त किया। इससे पता चला कि रोग जनक का क्रम पहले से मौजूद वायरस जैसा नहीं था। इसलिए हमने इसका नाम नोवल कोरोना वायरस रखा।”
शि झेंगली, वायरॉलजिस्ट, चाइना
WHO को बताया था -
उन्होंने कहा कि स्टडी को 12 जनवरी को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। शोधकर्ताओं ने रोगजनक पहचान के लिए पशु संक्रमण प्रयोगों को अंजाम दिया।
उन्होंने कहा “हमने 6 फरवरी को ट्रांसजेनिक चूहों के साथ एक पशु संक्रमण प्रयोग पूरा किया। फिर हमने 9 फरवरी को रीसस बंदरों के साथ पशु संक्रमण प्रयोग किया। दोनों पशु संक्रमण प्रयोगों से पता चला कि हमारे द्वारा पृथक कोरोना वायरस अस्पष्टीकृत निमोनिया का कारण था।"
कोई उल्लेख नहीं -
गौरतलब है कि; राज्य संचालित चैनल पर जारी उनके साक्षात्कार के अंग्रेजी अनुवाद में, उनकी रहस्यमय अनुपस्थिति और उनके ट्वीट्स में उनके दलबदल की अफवाहों का खंडन करने के बारे में कोई संदर्भ नहीं था। उन आरोपों जिनमें कहा जा रहा है कि वायरस लैब में उत्पन्न हुआ है पर भी उन्होंने सफाई पेश की।
"मुझे लगता है कि विज्ञान का राजनीतिकरण कर दिया गया है। यह बहुत ही खेदजनक है। मेरा मानना है कि दुनिया भर के वैज्ञानिक इसे नहीं देखना चाहते हैं। जैसा कि मैंने पहले उल्लेख किया है, संक्रामक रोगों पर शोध खुला और पारदर्शी होना चाहिए।"
शि झेंगली, वायरॉलजिस्ट, चाइना
शोध जारी रखूंगी –
झेंगली ने कहा कि वह अपना शोध जारी रखेंगी क्योंकि प्रकृति में कई प्रकार के चमगादड़ और अन्य जंगली जानवर हैं जो संभवतः कई वायरस के वाहक हो सकते हैं।
उन्होंने कहा "हमने जो वायरस खोजा है, वह वास्तव में आइसबर्ग का टिप है। यदि हम मनुष्यों को नए संक्रामक रोगों के प्रकोप से बचाना चाहते हैं, तो हमें जंगली जानवरों द्वारा जनित इन अज्ञात विषाणुओं के बारे में और ज्यादा जानने और लोगों को शुरुआती चेतावनी देने की पहल करनी चाहिए।"
चीन पर बढ़ता दबाव -
वायरस की उत्पत्ति की जांच के लिए चीन को अमेरिका और कई अन्य देशों के नेताओं के बढ़ते दबाव का सामना करना पड़ रहा है। डोनाल्ड ट्रम्प जिन्होंने वायरस की उत्पत्ति की जांच की मांग को आगे बढ़ाया के अलावा ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने बीजिंग से COVID-19मूल के लिए अधिक पारदर्शिता का आह्वान किया।
इसके अलावा एक चीनी अधिकारी ने भी अलग से वुहान में हुआन सीफ़ूड बाज़ार से निकलने वाले वायरस के बारे में सवाल उठाए हैं।
"सबसे पहले, हमने माना था कि सीफूड बाजार में वायरस हो सकता है, लेकिन अब बाजार पीड़ित की तरह है। नोवल कोरोना वायरस का अस्तित्व बहुत पहले से था।"
गाओ फू, निदेशक, चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC)
गाओ का दावा -
गाओ ने कहा कि वह जनवरी की शुरुआत में COVID-19 शोधकर्ताओं के लिए नमूने लेने वुहान गए थे, लेकिन जानवरों के नमूनों में कोई वायरस नहीं पाया गया। सीवेज सहित केवल पर्यावरणीय नमूनों में वायरस पाए गए।
गाओ ने कहा कि चीनी सरकार और वैज्ञानिक वायरस की उत्पत्ति का अध्ययन करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। हालांकि यह क्रॉस-प्रजाति के संचरण की विशेषता है और अब तक वायरस के माध्यम की पुष्टि नहीं हुई है।
कहा जा रहा है उनकी टिप्पणी के रूप में चीन मूल मुद्दे के लिए एक वैकल्पिक कहानी तैयार कर रहा है, जिसमें बताया गया है कि पिछले साल दिसंबर से पहले दुनिया के विभिन्न हिस्सों में COVID-19 मामलों की रिपोर्ट दे दी गई थी।
प्रवक्ता की सफाई -
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे की उस टिप्पणी की आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा था कि COVID-19 चीन से फैला है। गौरतलब है कि आबे ने कहा था कि नोवल कोरोना वायरस चाइना से पूरे विश्व में फैल रहा है।
झाओ ने एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि चीन वायरस की उत्पत्ति का "राजनीतिकरण और कलंक लगाने" का विरोध करता है। गौरतलब है कि नोवल कोरोना वायरस डिजीज जो पिछले सालांत चीन में उत्पन्न हुई ने लगभग 5.5 मिलियन लोगों को संक्रमित किया है। जबकि 346,000 से अधिक लोग इसके संक्रमण की वजह से मारे गए हैं।
कोरोना वायरस महामारी संबंधित खबरों के लिए क्लिक करें -
कोविड संक्रमित नामी वायरोलॉजिस्ट पायट ने बताए कोरोना के अहम राज
कोरोना को हराया पूर्वजों ने, अब इंसानों की बारी
डिस्क्लेमर – आर्टिकल प्रचलित रिपोर्ट्स पर आधारित है। शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त प्रचलित जानकारी जोड़ कर इसे पठनीय बनाया गया है। इस आर्टिकल में प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।
ताज़ा ख़बर पढ़ने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। @rajexpresshindi के नाम से सर्च करें टेलीग्राम पर।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।