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भारत-चीन सीमा के पास रेलवे लाइन बिछाएगा चीन, अक्साई चिन भी है निशाने पर

Line Of Actual Control: चीन जल्द ही झिंजियांग और तिब्बत को जोड़ने वाली एक महत्वाकांक्षी नई रेलवे लाइन को बिछाना शुरू करेगा जो की भारत चीन सीमा लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के करीब से चलेगी।
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राज एक्सप्रेस। भारत और चीन की सीमा यानी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल(LAC) के पास चीन अपनी गतिविधियां करना बंद नही कर रहा है। कुछ दिन पहले ही खबर आई थी की चीन ब्रह्मपुत्र और असम की घाघरा नदी के प्रवाह को प्रभावित करने के लिए दोनो नदियों पर तिब्बत में बांध बना रहा है और खबर आ रही है कि तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र सरकार द्वारा जारी एक नई रेलवे योजना के अनुसार, चीन जल्द ही झिंजियांग और तिब्बत को जोड़ने वाली एक महत्वाकांक्षी नई रेलवे लाइन को बिछाना शुरू करेगा जो की भारत चीन सीमा लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के करीब और दोनो देशों के बीच विवादित अक्साई चिन क्षेत्र से चलेगी।

सीमा के पास चीन द्वारा बनाई जाने वाली रेलवे लाइन का उद्देश्य, सीमा के पास वाले क्षेत्रों को जरूरत पड़ने पर तेजी से सीमा लामबंदी को सक्षम करके सीमा सुरक्षा को बढ़ावा देना और भीतरी इलाकों के साथ तिब्बत के आर्थिक एकीकरण में तेजी लाना है।

क्या है यह रेल योजना?

तिब्बत देश की सरकार ने चीन अधीन रहते हुए "मध्यम से लंबी अवधि की रेलवे योजना की घोषणा की थी, जिसे पिछले हफ्ते ही सार्वजनिक किया गया था जिसमे तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र रेल नेटवर्क को वर्तमान 1400 किमी से बढ़ाकर 2025 तक 4000 किमी तक पहुंचाने की परिकल्पना की गई है, जिसमें नए मार्ग शामिल हैं जो भारत और नेपाल के साथ चीन की सीमाओं तक चलेंगे। यह योजना के माध्यम से चीन पहली बार सिचुआन, युन्नान और गांसु के तीन अन्य पड़ोसी प्रांतों तक रेलवे संपर्क का विस्तार करेगा।झिंजियांग-तिब्बत रेलवे लाइन जिसमे अहम तौर पर G219 राष्ट्रीय राजमार्ग के मार्ग का अनुसरण करेगी। यह वही राज्यमार्ग है जिसने 1962 के युद्ध में भारत की हार के बहुत से कारणों में से एक था। इस रेलवे लाइन का पहला खंड, शिगात्से से पखुक्त्सो तक, 2025 तक पूरा हो जाएगा, शेष लाइन होटन तक, 2035 तक समाप्त होने की उम्मीद है। यह रेलवे लाइन विवादित पांगोंग सो लेक के पास से भी गुजरेगी।

क्या है राष्ट्रीय राजमार्ग G219 ?

चीन राष्ट्रीय राजमार्ग G219 एक राजमार्ग है जो चीन के जनवादी गणराज्य की पूरी पश्चिमी और दक्षिणी सीमा के साथ झिंजियांग में कोम-कनास मंगोलियाई जातीय टाउनशिप से गुआंग्शी में डोंगक्सिंग तक चलता है। 10000 किलोमीटर से अधिक लंबा, यह चीन राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क योजना का हिस्सा है, और एक बार पूरा हो जाने पर यह सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग होगा।2013 से पहले, G219 झिंजियांग उइघुर स्वायत्त क्षेत्र में येचेंग से तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में ल्हात्से तक चलता था। यह 2342 किमी लंबा था जो 1957 में पूरा हुआ था। 1962 के युद्ध के दौरान, चीन ने सड़क का बचाव किया, साथ ही अपनी पश्चिमी सीमा को और पश्चिम की ओर धकेल दिया।

तिब्बत में वर्तमान में केवल तीन रेल लाइनें चल रही हैं

किंघई-तिब्बत लिंक 2006, ल्हासा-शिगात्से रेल लाइन 2014 और ल्हासा-न्यिंगची लाइन जो 2021 में परिचालन शुरू हुई। बताया जा रहा है कि चीन नेपाल-तिब्बत सीमा पर ग्यारोंग, भूमि बंदरगाह और चुंबी घाटी में यादोंग काउंटी तक रेलवे लाइनें बनाएगी 2जो भारत के सिक्किम के साथ-साथ भूटान की सीमा में हैं।

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