आज के दिन की गई थी बेनजीर की हत्या
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आज के दिन की गई थी बेनजीर की हत्या, 15 साल बाद भी रहस्य बनी हुई है उनकी मौत

बेनजीर के पति आसिफ अली जरदारी पर भी बेनजीर की हत्या का शक जाता है। इसका कारण यह है कि बेनजीर की हत्या का सबसे ज्यादा फायदा उन्हें ही हुआ और वह राष्ट्रपति बन गए।
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राज एक्सप्रेस। पाकिस्तान में राजनेताओं की हत्या का पुराना इतिहास रहा है। खास बात यह है कि सालों बीत जाने के बाद भी इन हत्याओं के पीछे की असल वजह कभी सामने नहीं आ पाती है। 27 दिसंबर 2007 को पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की भी इसी तरह सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस बात को आज भले ही 15 साल बीत चुके हैं, लेकिन आज भी यह सवाल जस का तस बना हुआ है कि हत्या के पीछे किसका हाथ था? और किसके कहने पर भुट्टो को मारा गया? तो चलिए जानते हैं कि बेनजीर भुट्टो की मौत के दिन क्या हुआ था? और किस तरह से पाकिस्तान ने इस हत्याकांड की लीपापोती की।

रात को मिला था हमले का अलर्ट :

दरअसल बेनजीर की मौत से पहले रात के करीब 2 बजे एक आईएसआई अधिकारी ने बेनजीर को इस बारे में सूचना दी थी कि रैली में पर उन पर हमला किया जा सकता है। इसलिए वह अपनी रैली रद्द कर दे। हालांकि उस समय बेनजीर को लगता था कि यह आईएसआई की साजिश है और वह उन्हें डराना चाहते हैं। यही कारण है कि बेनजीर ने रैली रद्द करने से मना कर दिया।

और कर दी हत्या :

बेनजीर ने 17 दिसंबर 2007 को रावलपिंडी के लियाकत बाग में एक चुनावी रैली को संबोधित किया। इस रैली में उन्होंने पाकिस्तानी सेना और आईएसआई पर जमकर निशाना साधा। इसके बाद वहां से निकलते समय बेनजीर कार की छत पर लगे सनरुफ से निकलकर लोगों का अभिवादन कर रही थीं। इसी दौरान बिलाल नाम के एक हमलावर ने बेनजीर को गोली मारी और फिर खुद को बम से उड़ा लिया। ऐसे में बेनजीर को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।

सेना-आईएसआई पर लगे आरोप :

देश की पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या पर पाकिस्तान ने जिस तरह से लीपापोती की, वह किसी और देश में संभव नहीं है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि इस घटना के बाद उस जगह को धो दिया गया, जहां बेनजीर को गोली मारी गई थी। कहा जाता है कि बिना फौज के हुक्म के पुलिस घटनास्थल को धो नहीं सकती थी। ऐसे में हत्या का शक सेना और आईएसआई पर भी जाता है।

मुशर्रफ पर भी शक :

उस वक्त पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे परवेज मुशर्रफ की सरकार ने इस हत्या के लिए पाकिस्तानी तालिबान के प्रमुख बैतुल्लाह महसूद को जिम्मेदार ठहराया, जबकि तालिबान नेता इससे इनकार किया। वहीं आरोप लगते हैं कि मुशर्रफ खुद चुनावों से पहले बेनजीर भुट्टो को मरवाना चाहते थे। बेनजीर के बेटे बिलावल ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि, ’ मुशर्रफ ने मेरी अम्मी के कत्ल के लिए हालात का पूरा फायदा उठाया।’

पति को हुआ सबसे ज्यादा फायदा :

इनके अलावा बेनजीर के पति आसिफ अली जरदारी पर भी बेनजीर की हत्या का शक जाता है। इसका कारण यह है कि बेनजीर की हत्या का सबसे ज्यादा फायदा उन्हें ही हुआ और वह राष्ट्रपति बन गए। इनके अलावा भी कई लोगों पर बेनजीर की हत्या करने के आरोप लगे लेकिन सच आज तक सामने नहीं आ सका।

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