राज एक्सप्रेस। जैसा कि, सभी जानते हैं, अमेरिका एक शक्तिशाली देश हैं, लेकिन रूस की शक्तियां भी किसी से छुपी नहीं हैं। ऐसे में हम आपको बताते हैं कि, रूस के पास ऐसी कौनसी शक्तियां हैं। जिनसे रूस को अमेरिका से भी ज्यादा शक्तिशाली बनाता है। यह वह 5 हथियार हैं जो रूस की शक्तियों को बढ़ता है।
रूस की शक्तियों को बढ़ाते है हथियार :
दरअसल, आज रूस काफी शक्तिशाली देश है और इस देश को शक्तिशाली बनाते हैं यह हथियार। बता दें, इन हाथियों के साथ रूस ने यूक्रेन युद्ध में पश्चिमी देशों के कई सारे शक्तिशाली हथियारों को खत्म कर जीत हासिल की और अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं इन हथियारों के साथ रूस अमेरिका से भी ज्यादा सबसे 'शक्तिशाली' नजर आता है।
किंझल मिसाइल
Ka-52 एलीगेटर हेलीकॉप्टर
टी-90 टैंक
ZALA लैंसेट ड्रोन
टोर-एम2 मिसाइल सिस्टम
किंझल मिसाइल :
किंझल मिसाइल एक हाइपरसोनिक मिसाइल है, जो रूस की महाशक्तियों में शामिल है। इस मिसाइल की पावर की बात करें तो, इसे अमेरिकी एयर डिफेंस तक नहीं रोक सकती हैं। किंझल मिसाइल की मदद से ही रूस ने यूक्रेन सेना का बहुत नुकसान किया था। क्योंकि, यह रूस ने यूक्रेन में किंझल मिसाइल से बड़े पैमाने पर हमला किया है। किंझल मिसाइल ने यूक्रेनी सेना को बहुत नुकसान पहुंचाया है।
Ka-52 एलीगेटर हेलीकॉप्टर :
कामोव Ka-52 एलीगेटर रूस का सबसे शक्ति शाली अटैक हेलीकॉप्टर है। जिससे रूस ने युद्ध के दौरान यूक्रेन पर हवाई हमला किया था। इस दौरान रूस ने ऐसे कई हेलीकॉप्टर इस्तेमाल किए थे। बता दें, यह Ka-50 का अपग्रेडेड वेरिएंट होने के साथ नेक्स्ट जेनरेशन का टोही और लड़ाकू हेलीकॉप्टर भी है। इस अटैक हेलीकॉप्टर को टैंक, बख्तरबंद और गैर-बख्तरबंद जमीनी लक्ष्यों, दुश्मन सैनिकों, हेलीकॉप्टरों और सामरिक भंडार को नष्ट करने के लिए तैयार किया गया है। यह हेलीकॉप्टर चौबीस घंटे और सभी मौसमों में अपना काम करने में सक्षम है।
T-90 टैंक :
T-90 टैंक तीसरी जनरेशन का मुख्य युद्धक टैंक है। जिसने आज T-72 की जगह ले ली है। इसकी खासियत यह है कि, इसमें 125 मिमी 2A46 स्मूथबोर मुख्य गन, 1A45T फायर कंट्रोल सिस्टम, एक अपग्रेडेड इंजन और गनर के लिए थर्मल साइट इनबिल्ट है। साथ ही इसमें स्टील का मजबूत कवच, स्मोक ग्रेनेड डिस्चार्जर, कॉन्टैक्ट-5 एक्सप्लोसिव रिएक्टर ऑर्मर और श्टोरा इन्फ्रारेड एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) जैमिंग सिस्टम भी लगाया गया है। जिससे यह युद्ध के दौरान दुश्मन के कई किलेबंद ठिकानों और उनके टैंकों को भी नष्ट क्र सकता है। बता दें, यह टैंक रूस के पास हैं जिसका इस्तेमाल भारत भी करता है। हालांकि, भारत में इसको टी-90 भीष्म के नाम से जाना जाता है। भले यह भारत को रूस से मिला हो, लेकिन भारत ने फ्रांस के सहयोग से T-90 की तकनीक को अपने हिसाब से मोडिफाइड कर इसका नाम 'टी-90 भीष्म' रखा है।
ZALA लैंसेट ड्रोन :
रूस के इसी हथियार ने यूक्रेनी सेना को जंग के दौरान सबसे ज्यादा हैरान-परेशान कर दिया था। क्योंकि, ZALA लैंसेट ड्रोन काफी हसकती शैली है। इस ड्रोन का निर्माण AK-47 बनाने वाली कंपनी कलाश्निकोव कंसर्न की सहायक कंपनी ज़ाला एयरो ग्रुप ने किया है। इसे सबसे पहले साल 2019 में जून के महीने में मास्को में ARMY-2019 सैन्य एक्सपो के दौरान पेश किया गया था।
Tor-M2 मिसाइल सिस्टम :
Tor-M2 कम से मध्यम ऊंचाई वाली, कम दूरी की सतह से हवा में वार करने वाली मिसाइल है। जो हर मौसम में काम कर सकती है। इसे हवाई जहाज, हेलीकॉप्टर, क्रूज मिसाइलों, मानव रहित हवाई ड्रोन को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह विदेशी ड्रोन मार गिराने में भी सक्षम है।
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