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आर्टेमिस मिशन के लिए अंतरिक्ष प्रक्षेपण प्रणाली की लागत 'असहनीय' : नासा

एक रिपोर्ट में गुरुवार को कहा कि नासा के वरिष्ठ अधिकारियों ने जीएओ को बताया कि मौजूदा लागत स्तर पर एसएलएस कार्यक्रम वहन योग्य नहीं है।
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हाइलाइट्स :

  • मौजूदा लागत स्तर पर एसएलएस कार्यक्रम को पूरा नहीं किया जा सकता है।

  • एसएलएस को चंद्रमा पर आर्टेमिस मिशन के लिए रॉकेट के रूप में काम करने के लिए डिजाइन किया गया है।

  • एसएलएस दुनिया का सबसे शक्तिशाली रॉकेट है, जिसे नासा को चंद्रमा पर मनुष्यों को वापस लाने में सक्षम बनाने के लिए बनाया गया है।”

वाशिंगटन, अमेरिका। अमेरिकी अंतरिक्ष संस्थान नासा ने स्वीकार किया है कि आर्टेमिस मिशन के लिए तैयार किया गया स्पेस लॉन्च सिस्टम (एसएलएस) को वर्तमान लागत स्तर पर काम करने योग्य बनाए नहीं रखा जा सकता है। एसएलएस को चंद्रमा पर आर्टेमिस मिशन के लिए रॉकेट के रूप में काम करने के लिए डिजाइन किया गया है।

अमेरिकी सरकार जवाबदेही कार्यालय (जीएओ) ने एक रिपोर्ट में गुरुवार को कहा कि नासा के वरिष्ठ अधिकारियों ने जीएओ को बताया कि मौजूदा लागत स्तर पर एसएलएस कार्यक्रम वहन योग्य नहीं है।

जीएओ ने कहा, "नासा के वरिष्ठ अधिकारियों ने जीएओ को बताया कि मौजूदा लागत स्तर पर एसएलएस कार्यक्रम को पूरा नहीं किया जा सकता है। एसएलएस दुनिया का सबसे शक्तिशाली रॉकेट है, जिसे नासा को चंद्रमा पर मनुष्यों को वापस लाने में सक्षम बनाने के लिए बनाया गया है।”

रिपोर्ट में कहा गया है कि नासा को एसएलएस कार्यक्रम की दीर्घकालिक लागत और सामर्थ्य सहित पारदर्शिता तथा निगरानी में सुधार के लिए जीएओ प्रमुख की सिफारिशों पर कार्य करना चाहिए।

रिपोर्ट में कहा गया है कि मूल एसएलएस लागत बेसलाइन आर्टेमिस परीक्षण उड़ान के लॉन्च पर लागू होती है, लेकिन भविष्य के आर्टेमिस मिशनों के लिए बेसलाइन लागत कम है, जिससे नासा और कांग्रेस (संसद) के लिए आगामी मिशनों के लिए भविष्य की उत्पादन लागत पर नजर रखना कठिन हो जाएगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि नासा ने 2030 के दशक में आर्टेमिस मिशनों पर उपयोग के लिए अधिक एसएलएस रॉकेट, विशेष रूप से मजबूत संस्करणों का उत्पादन करने के लिए अरबों डॉलर खर्च करने की योजना बनाई है। नासा ने वित्तीय वर्ष 2024 में राष्ट्रपति के बजट अनुरोध में वित्तीय वर्ष 2028 के माध्यम से कार्यक्रम के लिए 11.2 अरब डॉलर देने का अनुरोध किया है। यह राशि इस कार्यक्रम पर खर्च किए जा चुके 11.8 अरब डॉलर के अतिरिक्त है।

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