जानिए कौन है येवगेनी प्रिगोजिन? जो अपनी प्राइवेट आर्मी के साथ पुतिन को दे रहा है चुनौती
राज एक्सप्रेस। रूस में चल रही तख्तापलट की आशंकाओं पर फिलहाल विराम लगता नजर आ रहा है। बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की पहल के बाद येवगेनी वी प्रिगोजिन के तेवर नरम पड़ गए हैं। बता दें कि प्रिगोजिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ बगावत करने वाली प्राइवेट आर्मी वैगनर के प्रमुख है। प्रिगोजिन ने अपने लड़ाकों को वापस लौटने का आदेश दे दिया है। गौरतलब है कि बीते दिनों प्राइवेट आर्मी वैगनर ने रूस के कई शहरों पर कब्ज़ा करते हुए मॉस्को शहर की ओर रुख कर लिया था। प्रिगोजिन ने तख्तापलट का ऐलान करते हुए रूस को नया राष्ट्रपति देने की बात कही थी। तो चलिए जानते हैं कि येवगेनी वी प्रिगोजिन कौन है, जिसने रूस के सबसे शक्तिशाली शख्स को सीधे-सीधे चुनौती दे दी थी।
अपराधी है प्रिगोजिन
बता दें कि साल 1961 में लेनिनग्राड में जन्मे प्रिगोजिन बचपन से ही अपराधी किस्म के इंसान रहे हैं। उन्हें मारपीट, डकैती और धोखाधड़ी के आरोप में 20 साल की उम्र में 13 साल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि सोवियत यूनियन के विघटन के चलते प्रिगोजिन को 9 साल की सजा पूरी करने के बाद छोड़ दिया गया था।
पुतिन का रसोइया
प्रिगोजिन की पहचान पुतिन के रसोइये के रूप में भी होती है। दरअसल जेल से बाहर आने के बाद प्रिगोजिन ने एक रेस्तरां खोल लिया। धीरे-धीरे यह रेस्तरां इतना अधिक लोकप्रिय हो गया कि खुद रूस के राष्ट्रपति पुतिन भी विदेशी मेहमानों को वहां ले जाने लगे। इस तरह प्रिगोजिन और पुतिन करीब आए। इसके बाद प्रिगोजिन को रूसी सेना और स्कूली बच्चों को खाना खिलाने के सरकारी ठेके मिलने लगे और उस पर पैसे की बारिश होने लगी।
कैसे बिगड़े रिश्ते?
आगे चलकर प्रिगोजिन ने अपनी एक प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप बनाई। वैगनर ग्रुप को रुसी सेना का भी समर्थन हासिल था। वैगनर ग्रुप ने रूस के लिए कई महत्वपूर्ण मिशन को अंजाम दिया। युक्रेन युद्ध में भी वैगनर ग्रुप रुसी सेना की मदद कर रहा है। पुतिन और प्रिगोजिन के रिश्ते इसी साल फरवरी में खराब होने शुरू हुए। प्रिगोजिन ने रुसी रक्षा मंत्री पर वैगनर ग्रुप को खत्म करने के आरोप लगाए। मई महीने में प्रिगोजिन ने अपने लड़ाकों को यूक्रेनी शहर बखमुत से वापस बुलाने की धमकी दे डाली। दो हफ्ते पहले रूस के रक्षा मंत्रालय ने प्राइवेट लड़ाकों को रूस की सेना में शामिल करने के आदेश दिए, लेकिन वैगनर ग्रुप ने यह आदेश मानने से इंकार कर दिया था।
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