राज एक्सप्रेस। राजस्थान में कांग्रेस की सियासी खींचतान थमने का नाम ही नहीं ले रही है। अशोक गहलोत और सचिन पायलट के आपसी मतभेद तो जग जाहिर है, लेकिन इन दिनों राजस्थान कांग्रेस के गलियारों में फुसफुसाहट की वजह कुछ और है, राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा राजस्थान आने से पहले कांग्रेस प्रभारी अजय माकन ने इस्तीफा क्यों दिया? ये सवाल कांग्रेस के अंदर चल रही आपसी कलह को फिर से हवा दे रहा है।
राजस्थान में बीते 25 सितंबर को अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने वाले थे, जिसके बाद सीएम की कुर्सी को लेकर काफी बवाल मचा हुआ था। जिसे देखते हुए कांग्रेस दल की बैठक बुलाई गयी, जिसमें हाई कमान के सामने मल्लिकाअर्जुन खड़गे और अजय माकन को सीएम पद को लेकर प्रस्ताव पारित करना था, लेकिन इससे पहले ही गहलोत पार्टी के 89 विधायकों ने विधानसभा स्पीकर डॉ. सी. पी जोशी को इस्तीफा सौप दिया। उधर खड़गे और माकन विधायकों का इंतजार ही करते रह गए और उन्हे बिना प्रस्ताव लिए वापस लौटना पड़ा। हालांकि इस घटना के बाद गहलोत ने हाईकमान से माफ़ी भी मांगी। लेकिन आखिरकार करीब दो महीने बाद अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कार्यवाई की मांग की है।
कांग्रेस पार्टी के अंदर मची इस आपसी कलह पर निशाना साधते हुए पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ओम माथुर ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा को छोड़ कांग्रेस को पहले खुद को जोड़ने पर काम करना चाहिए।
पहली बार किसी प्रभारी ने इस तरह का रवैया अपनाया है। यूं तो इस इस्तीफे के पीछे कई कयास लगाये जा रहे है,लेकिन माकन ने अपने इस्तीफे में जिस तरह से बागियों पर कार्रवाई नहीं होने की बात पर नाराजगी जताई है,उससे यह साफ़ है कि माकन आर पार की लड़ाई का मन बना चुकें हैं।
अजय माकन ने अपने इस्तीफे में कहा है कि वे अब इस पद पर नहीं रहना चाहते,उनकी मांग है कि भारत जोड़ों यात्रा राजस्थान में आने के पहले नये प्रभारी कि नियुक्ति की जाये। अब ये देखना होगा कि अजय माकन के इस इस्तीफे के बाद पार्टी किसको प्रभारी नियुक्त करती है।
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