क्या आप भी हे गॉब्लिन मोड का शिकार ?
राज एक्सप्रेस। {Goblin mode} गॉब्लिन मोड शब्द को ज्यादातर ऐसे लोगों के लिए इस्तमाल किया जाता है जो लोग खुद में ही मस्त रहते हैं और उन्हें दुनियादारी की परवाह नहीं होती,कुछ लोग इन्हें आलसी और खुदगर्ज भी कहते हैं।
ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी की ओर से आयोजित ऑनलाइन सर्वे मे हिस्सेदारी करने वालों में से तीन लाख लोगों ने कहा कि गॉब्लिन मोड को साल का शब्द यानि Word of the year 2022 घोषित किया जाना चाहिए, जिसके बाद 93 प्रतिशत वोटो के साथ यह शब्द ‘ऑक्सफोर्ड वर्ड ऑफ़ द ईयर’ के रूप में चुना गया।आखिर ये शब्द लोगों की जबान पर इतना क्यों चढ़ गया है?
पहली बार गॉब्लिन मोड शब्द कोविड-19 के समय चलन में आया था। जब लॉकडाउन खत्म हुआ और लोगों ने घर से बाहर निकलना शुरू किया, तब यह शब्द उन लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा जिन्हें लॉकडाउन के बाद का जीवन रास नहीं आ रहा था. 2022 में एक मजाकिया ट्वीट के जरिए ये शब्द फिर से ट्रेंड में आया और सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ,जिसके बाद गॉब्लिन मोड ने मैगजीन और अखबारों में भी अपनी जगह बना ली।
दरअसल गॉब्लिन मोड उन लोगो के लिये है जो पूरा दिन सोफ़े या बिस्तर पर अलसाते हुए, किसी वेब सीरीज़ को म्यूट पर चलाए रखते है,या सोशल मीडिया पर भी लगातार उंगलियां चलाना, बिना थाली में परोसे सीधे ही कुछ भी खाते रहना, पाजामे में घूमना और बिना आईना देखे, यूं ही बिखरे हाल में घर के पास के स्टोर से पैकेटबंद सामान लाकर फिर घर में पड़े-पड़े टीवी या मोबाइल देखना।’ हम सबमें एक ‘अंदरूनी गॉब्लिन’ मौजूद है, जो सिर्फ़ मज़े से रहना चाहता है। वो हमें निरंतर उकसाता है किसी भी नियम, क़ानून और बंधन को न मानने के लिए।
कर्म ही जीवन है गीता का ये उपदेश हमें निरंतर काम करने के लिये ऊर्जा प्रदान करता हैं।स्वस्थ होने का सबसे बड़ा लक्षण है ‘काम के प्रति उत्साह।’ जीवन कठिन है पर इन्हीं कठिनाइयों के बीच जीवन को जीने लायक़ बनाया जा सकता है। तो अगर आप भी गॉब्लिन मोड में है, तो सम्भल जाइये।
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