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मोदी ने राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण किया: कहा- 500 साल की तपस्या का यज्ञ पूरा, योगी ने रामचरितमानस की चौपाई पढ़ी
Tue, 25 Nov, 2025
1 min read

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर ध्वजारोहण समारोह में शामिल होने के लिए मंगलवार सुबह करीब 10.15 बजे अयोध्या पहुंचे।
मोदी बोले- पांच सौ साल की तपस्या का यज्ञ आज पूर्ण हुआ
प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधन की शुरुआत जय सियावर रामचंद्र, जय सियाराम के जयघोष से की। उन्होंने कहा कि आज पूरा भारत, पूरा विश्व राममय है। हर रामभक्त के मन में एक अद्भुत संतोष है, एक अलौकिक आनंद है। सदियों के घाव भर रहे हैं, सदियों का दर्द शांत हो रहा है। सदियों की प्रतिज्ञा पूरी हो रही है। आज उस यज्ञ की अंतिम आहूति है, जिसकी ज्वाला पांच सौ वर्षों से जल रही थी, जो आस्था में कभी नहीं डगमगाई।
मोदी ने कहा कि आज गर्भगृह की ऊर्जा के साथ स्थापित यह धर्म ध्वज सिर्फ एक झंडा नहीं, बल्कि भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का प्रतीक है। इसका केसरिया रंग, सूर्यवंश की गरिमा और कोविदार वृक्ष का चिन्ह रामराज्य के सूर्योदय का संकेत है। यह ध्वज संकल्प है, सफलता है, संघर्ष से सृजन की कथा है। संतों की तपस्या और समाज की भागीदारी से गढ़ी सदियों पुरानी साधना का सार है। यह ध्वज आने वाली पीढ़ियों तक प्रभु श्रीराम के आदर्शों का संदेश देता रहेगा।
मोहन भागवत बोले- 30 साल की तपस्या आज पूरी
RSS सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा—रामराज्य का वह ध्वज, जो कभी अयोध्या से पूरी दुनिया में शांति और समृद्धि का संदेश देता था, आज फिर अपने शिखर पर स्थापित हो गया है और हम सबने इसे होते देखा। उन्होंने कहा कि ध्वज एक प्रतीक है… मंदिर निर्माण में समय लगा। 500 साल का संघर्ष अपनी जगह, लेकिन सिर्फ पिछले 30 साल की निरंतर तपस्या ही बता देती है कि यह कार्य कितना कठिन था।
मोहन भागवत बोले- आज का दिन हर रामभक्त के लिए भावपूर्ण
RSS सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा- आज हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है। अनगिनत लोगों ने इस मंदिर का सपना देखा, प्रयास किए और बलिदान दिए। उनकी आत्माएं आज पूर्ण संतोष का अनुभव कर रही होंगी। अशोक जी सिंहल को आज शांति मिली होगी। महंत रामचंद्र दास महाराज, डालमिया जी और अनगिनत संतों, लोगों और छात्रों ने अपना योगदान दिया, कई ने अपना जीवन तक समर्पित किया। जो लोग पीछे रहकर काम कर रहे थे, वे भी इसी दिन की प्रतीक्षा में थे। मंदिर अब बनकर खड़ा है और आज मंदिर की शास्त्रीय प्रक्रिया पूरी हुई है। ध्वजारोहण संपन्न हो गया है।
सीएम योगी बोले- ध्वजारोहण नए युग की शुरुआत
CM योगी ने रामचरितमानस ने ध्वाजरोहण के बाद रामचरितमानस की चौपाई पढ़ी। उन्होंने कहा- आज सफल तपु तीरथ त्यागू… राम तुम्हहि अवलोकत आजू। उन्होंने कहा- यह भव्य मंदिर 140 करोड़ भारतीयों की आस्था और आत्मसम्मान का प्रतीक है। सभी कर्मयोगियों को बधाई जिन्होंने इस संकल्प के लिए अपना सब कुछ समर्पित किया। यह केसरिया ध्वज धर्म के प्रकाश के अमर होने का प्रमाण है और रामराज्य के सिद्धांतों की कालातीतता को दर्शाता है। 2014 में प्रधानमंत्री मोदी के पद संभालते ही जो विश्वास करोड़ों भारतीयों के दिलों में जागा था, वह आज इस भव्य राम मंदिर के रूप में साकार हुआ है। यह ध्वज धर्म, सत्य, न्याय और राष्ट्र धर्म का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री ने बटन दबाकर ध्वजारोहण किया
प्रधानमंत्री ने अभिजीत मुहूर्त में मंदिर को शिखर पर चढ़ाने वाली मशीन का बटन दबाकर ध्वजारोहण किया। मंदिर के शिखर पर फहराते वहां मौजूद श्रद्धालुओं ने जय श्री राम के नारे लगाए। बता दें कि राम मंदिर को पारंपरिक नागर वास्तुकला शैली में बनाया गया है। इस त्रिकोणीय ध्वज की ऊंचाई 10 फीट और लंबाई 20 फीट है।
प्रधाानमंत्री और मोहन भागवत ने राम लला गर्भ गृह में पूजा की
ध्वजारोहण कार्यक्रम के लिए तैयार प्रसाद मंदिर कॉम्पलेक्स पहुंचा
ध्वजारोहण के मौके पर राम लला की प्रतिमा का श्रृंगार किया गया है

पीएम मोदी और RSS प्रमुख भागवत ने आरती की
मोदी और सर संघचालक मोहन भागवत राम मंदिर के गर्भ गृह पहुंचे
PM मोदी ने अन्नापूर्णा मंदिर में पूजा की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और यूपी की गवर्नर आनंदीबेन पटेल के साथ माता अन्नपूर्णा मंदिर में पूजा की। इसके बाद वह ध्वजारोहण करेंगे।
PM मोदी ने शेषावतार मंदिर में पूजा की
PM मोदी अयोध्या पहुंचे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार सुबह करीब 10.15 बजे अयोध्या पहुंच गए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने खुद एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अयोध्या पहुंचने की जानकारी दी।
PM मोदी सप्तमंदिर में दर्शन किए
अयोध्या पहुंचने के बाद PM मोदी ने सप्तमंदिर में दर्शन किए, जहां महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुहा और माता शबरी से जुड़े मंदिर हैं। इसके बाद उन्होंने शेषावतार मंदिर में पूजा की। वह माता अन्नपूर्णा मंदिर भी गए। राम दरबार गर्भगृह में आरती की। कार्यक्रम मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष पंचमी को हो रहा है।
10 फीट ऊंचा और 20 फीट लंबा होगा ध्वज
जिस ध्वज को PM मोदी फहराएंगे, वह 10 फीट ऊंचा और 20 फीट लंबा है। इसमें सूर्य का तेजस्वी चिन्ह, ओम की आकृति और कोविडारा वृक्ष का प्रतीक बना है। यह ध्वज राम राज्य का संदेश देने वाला है। ध्वज मंदिर के नागर शैली में बने शिखर पर लगाया जाएगा। पूरा परिसर लगभग 800 मीटर के परकोटे से घिरा है, जहां मंदिर बनाने की झलकियां शामिल की गई हैं।
आध्यात्मिक संग्रह में कई भाषाओं में रामायण स्क्रिपचर्स होंगे
बता दें मंदिर परिसर में फर्स्ट फ्लोर और गर्भगृह तैयार हो चुका है। दूसरे फ्लोर को आध्यात्मिक संग्रह के रूप में बनाया जा रहा है। इसमें कई भाषाओं में रामायण स्क्रिपचर्स को रखा जाएगा। इसके अलावा रामलाल के मुख्य मंदिर के साथ ही 14 छोटे मंदिर भी हैं। यह पूरी तरह बनकर तैयार हो चुके हैं। जल्द ही श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। परकोटा (आउटर बाउंड्री) और परिक्रमा परिसर भी बनकर तैयार हो चुके हैं।
ध्वजारोहण समारोह की तैयारियां पूरी
विधायक अभय सिंह ने कहा- अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर ध्वजारोहण समारोह के लिए तैयारियां पूरी हो गई हैं। पूरे शहर में खुशी का माहौल है। जगह-जगह राम के ध्वज लगे हैं और लोग सड़कों पर उमड़ रहे हैं ताकि अपने भगवान का स्वागत कर सकें, उन्हें धन्यवाद दे सकें। अभय सिंह ने कहा कि इतना भव्य मंदिर बनवाने के लिए हम प्रधानमंत्री के आभारी हैं।
21फीट की ध्वजा लगाई जाएगी
राम मंदिर में 21फीट की ध्वजा लगाई जाएगी। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने समारोह का आयोजन किया है। यह समारोह इस बात को दर्शाता है कि मंदिर और उससे जुड़े स्थान तैयार हैं। ये श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं। हालांकि, कुछ स्थानों पर अंतिम दौर का निर्माण कार्य जारी है। 2022 में मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का काम पूरा हुआ था। 2024 में मंदिर का उद्घाटन हुआ। इसके बाद अब जो काम बचे थे वो पूरी तरह खत्म होने पर हैं। इसलिए ध्वाजारोहण समारोह का आयोजन किया गया है।
नूर आलम को भी मिला ध्वाजारोण में आने का न्यौता
अयोध्या में रहने वाले नूर आलम की जमीन राम जन्मभूमि परिसर के ठीक पास है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि आज के ध्वज समारोह में बुलाया जाना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि मेरा परिवार पीढियों से यहां रह रहा है और लोग मुझे रामलला का पड़ोसी कहकर बुलाते हैं।
मैंने 42 साल में अयोध्या को इतने रूप बदलते देखा, लेकिन आज जैसा माहौल कभी नहीं देखा। इंटरनेशनल एयरपोर्ट, रामपथ, नया रेलवे स्टेशन, यह सब कुछ प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की देन हैं। पहले लोग बाहर जाते थे, अब बाहर के लोग अयोध्या आते हैं प्राण प्रतिष्ठा के बाद हर इंसान खुश है और चारों ओर भगवान की कृपा बरस रही है।
100 टन फूलों से सजावट की गई
शहर में लगभग 100 टन फूलों से सजावट की गई है। राम लला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को हुई थी, जबकि भूमिपूजन 5 अगस्त 2020 को हुआ था। ध्वजारोहण समारोह से मंदिर का निर्माण पूरा माना जाएगा। घरेलू और विदेशी श्रद्धालुओं की भी बड़ी संख्या में इस समारोह में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं। यह कार्यक्रम गुरु तेग बहादुर के बलिदान दिवस के साथ भी जुड़ा है। गुरु तेग बहादुर ने अयोध्या में 17वीं शताब्दी में 48 घंटे तक ध्यान किया था।
अयोध्या में सुरक्षा बढ़ाई गई
प्रधानमंत्री के दौरे को देखते हुए अयोध्या में सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी गई है। 6970 पुलिसकर्मियों, ATS कमांडो, NSG स्नाइपर, साइबर टीमें और टेक्निकल यूनिट को तैनात किया गया। राम जन्मभूमि परिसर और आसपास के इलाकों में कई लेवल में जांच की व्यवस्था की गई है। क्राउड मैनेजमेंट के लिए पुलिस ने अलग से रूट डायवर्जन प्लान लागू किया है। अधिकारियों का कहना है कि कार्यक्रम के दौरान किसी भी स्थिति में सुरक्षा में ढील नहीं दी जाएगी।