अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस
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क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस? जानिए कैसा रहा है ओलंपिक में भारत का इतिहास?

ओलंपिक के दौरान पूरी दुनिया के खेल प्रेमी एक जगह इकट्ठा होते हैं और हर तरह के खेल की जीत का जश्न मनाते हैं। इस खास मौके पर चलिए जानते हैं ओलंपिक दिवस के बारे में।
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International Olympic Day : दुनियाभर में हर साल 23 जून को अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस के तौर पर धूमधाम से मनाया जाता है। इस बात में कोई दोराय नहीं है कि खेल हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है। इसे वैश्विक तौर पर सेलिब्रेट करने के लिए ओलंपिक गेम्स का आयोजन किया जाता है। इस दिन का उद्देश्य दुनियाभर में खेल और स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है। गौरतलब है कि ओलंपिक के दौरान पूरी दुनिया के खेल प्रेमी एक जगह इकट्ठा होते हैं और हर तरह के खेल की जीत का जश्न मनाते हैं। इस खास मौके पर चलिए जानते हैं ओलंपिक दिवस के इतिहास और महत्व के बारे में।

क्या है अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस का इतिहास?

सबसे पहले सेंट मोरित्ज में ओलंपिक समिति की 42वीं बैठक के दौरान पहली बार ओलंपिक दिवस को मनाए जाने पर विचार किया गया था। जिसके बाद दुनिया भर में पहली बार साल 1948 में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस मनाया गया था। हालांकि चौथी शताब्दी के दौरान पहला आधुनिक ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेल साल 1896 में एथेंस में आयोजित किया गया था। इसके बाद से हर 4 साल में एक बार ओलंपिक खेलों का आयोजन किया जाता है।

ओलंपिक में भारत का इतिहास

भारत ने पहली बार साल 1900 के दौरान पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लिया था। इस दौरान नार्मन प्रिचर्ड देश के प्रतिनिधि बने थे, और उन्होंने 200 मीटर स्प्रिंट और 200 मीटर बाधा दौड़ में दो रजत पदक अपने नाम किए थे। इसके बाद साल 1924 में भारत ने टेनिस और साल 1928 में हॉकी खेल से ओलंपिक की दुनिया में कदम रखा। यही वो समय था जब मेजर ध्यानचंद के नेतृत्व में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 29 गोल करते हुए पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता था।

हालाँकि कुछ सालों तक द्वितीय युद्ध के चलते भारत ओलंपिक का हिस्सा नहीं बन सका। लेकिन साल 1948 में भारत ने वापसी के साथ ही चौथा ओलंपिक स्वर्ण पदक अपने नाम किया। अब तक की बात करें तो भारत की झोली में कुल 10 स्वर्ण पदक आ चुके हैं।

अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस का महत्व

इस खास दिन के माध्यम से दुनियाभर में सभी उम्र और धर्म के लोगों को खेलों में भाग लेने और इसके प्रति अपनी रूचि जगाने के लिए प्रेरित किया जाता है। इस दिन का प्रमुख उद्देश्य लोगों को शारीरिक रूप से मजबूत होने और खेल के प्रति जागरूक करना है। इस खास दिन पर दुनियाभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और लोगों से खेलों से जुड़ने की अपील की जाती है।

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