विराट ने सात वर्षों तक टीम का सफल नेतृत्व किया : चैपल
विराट ने सात वर्षों तक टीम का सफल नेतृत्व किया : चैपलSocial Media

विराट ने सात वर्षों तक टीम का सफल नेतृत्व किया : चैपल

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल मानते हैं कि कोहली ने सौरव गांगुली और धोनी की विरासत को संभाला और सात वर्षों तक टीम का सफल नेतृत्व किया।
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मेलबोर्न। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान और मौजूदा समय के सफल कमेंटेटर इयान चैपल मानते हैं कि विराट कोहली एक बेहतरीन कप्तान थे। उन्होंने अपने उत्साह पर अंकुश नहीं लगाया लेकिन फिर भी वह भारतीय टीम को उच्च स्तर तक ले जाने में सक्षम थे। चैपल ने क्रिकइंफो पर अपने कालम में लिखा, ''सफल कप्तान भारत के विराट कोहली हैं। एमएस धोनी के कप्तानी के सफल कार्यकाल के बाद जब कोहली ने पदभार संभाला, तो एक बड़ी चिंता थी, क्या उनका असीम उत्साह, एक कप्तान के रूप में उनके द्वारा लिए जाने निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करेगा।''

उन्होंने कहा, ''इसमें कोई शक नहीं कि कप्तान के रूप में कोहली शानदार थे। उप-कप्तान अजिंक्या रहाणे की सक्षम सहायता से, उन्होंने विदेशी पिचों पर काफ़ी सफलता हासिल की। इससे पहले किसी भी भारतीय कप्तान को विदेशी पिचों पर इतनी सफलता हासिल नहीं हुई थी। उनकी दो व्यक्तिगत प्रमुख विदेशी सफलताओं में 2018-19 की ऑस्ट्रेलिया सीरीज और 2021 में इंग्लैंड सीरीज शामिल है। घर पर उनकी टीम लगभग अपराजेय थी, केवल 31 टेस्ट में उन्होंने सिर्फ दो मैच गंवाए। इसमें से एक ऑस्ट्रेलिया और एक इंग्लैंड के खिलाफ था।''

कोहली ने सौरव गांगुली और धोनी की विरासत को संभाला और सात वर्षों तक टीम का सफल नेतृत्व किया। कप्तान के रूप में उनकी सबसे बड़ी निराशा साउथ अफ़्रीका में मिली हार है। पहला मैच जीतने के बाद भारत ने तीन टेस्ट मैचों की सीरीज को गंवा दिया था। हालांकि एक बात यह भी थी कि दूसरे मैच में कोहली कप्तान नहीं थे।

कोहली की सबसे बड़ी सफलता यह थी कि उन्होंने अपनी टीम को टेस्ट खेलने के लिए आतुर बना दिया था। कोहली का प्रमुख उद्देश्य टेस्ट मैचों में जीत हासिल करना था और यहीं पर उनका जुनून और सोच काफ़ी स्पष्ट तरीके से सबको दिखता था। चैपल ने कहा, ''इसमें कोई संदेह नहीं है कि कोहली ने अपने खिलाड़ियों को एक कड़ी प्रतिस्पर्धा के दौर से गुजरने के लिए मजबूर किया, लेकिन यह भी स्पष्ट है कि उनके साथियों ने उस प्रतिस्पर्धा का आनंद लिया और वह सफलता हासिल करना चाहते थे। कोहली के पास अपने रिज्यूमे में कई व्यक्तिगत उपलब्धियां हैं, एक विकेटकीपर और बल्लेबाज के रूप में ऋषभ पंत ने जिस तरीके से कोहली के कार्यकाल में खुद को स्थापित किया है, वह तारीफ़ योग्य है। जब चयन की बात आती है तो कोहली के कुछ फै़सले थोड़े संदिग्ध थे लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि पंत का समर्थन करना एक मास्टर स्ट्रोक था।

चैपल ने कहा, ''एक कप्तान की जब आप रैंकिंग करते हैं तो आप उसके निजी आंकड़ों को भी आंकते हैं। कप्तान के रूप में कोहली का टेस्ट क्रिकेट में औसत 54 का है। जिस समय पर उन्होंने कप्तानी के पद से इस्तीफा दिया है,उसकी भी सराहना की जानी चाहिए। पूर्व महान ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर कीथ मिलर ने सेवानिवृत्ति को लेकर सबसे अच्छा तरीका बताया है। उन्होंने समझाया मैं तब अपना रिटायरमेंट लेना चाहता था जब लोग पूछ रहे थे कि आपने क्यों रिटायरमेंट लिया। ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए कि लोग आपसे पूछे कि आपने रिटायरमेंट क्यों नहीं लिया। कोहली ने इस संदर्भ में बिल्कुल सही समय पर फ़ैसला लिया है।

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