Tokyo Olympics: जापान ने ईको फ्रैंडली ओलंपिक के लिए की हैं ऐसी तैयारियां

जापान की राजधानी टोक्यो में ओलंपिक खेलों के आयोजन के लिए की गई आयोजकों की तैयारियां जमकर सुर्खियां बटोर रही हैं।
टोक्यो ओलंपिक में सौ फीसद रिन्यूएबल एनर्जी उपयोग का है लक्ष्य। - सांकेतिक चित्र
टोक्यो ओलंपिक में सौ फीसद रिन्यूएबल एनर्जी उपयोग का है लक्ष्य। - सांकेतिक चित्रNeelesh Singh Thakur – RE
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हाइलाइट्स –

  • स्पेशल टैक्सी राइड की मची होड़

  • सौ फीसद रिन्यूएबल एनर्जी का लक्ष्य

  • नैचुरल एनर्जी से एथलीट्स विलेज रोशन

राज एक्सप्रेस। कहावत है ‘खोजने वाले कचरे में भी सोना खोज लेते हैं।‘ अगर कोविड-19 (covid-19) से उपजी स्थितियों पर विराम लगा और साल 2021 में टोक्यो ओलंपिक 2020 का सपना साकार हुआ तो दुनिया यह कहावत जापान में चरितार्थ होते देखेगी।

साल 2020 के लंबित ओलंपिक के इस साल कोरोना की नई लहर के मध्य लोगों के विरोध के बीच विलंब से आयोजित होने पर भी संशय है। हालांकि जापान की राजधानी टोक्यो में ओलंपिक खेलों के आयोजन के लिए की गई आयोजकों की तैयारियां जमकर सुर्खियां बटोर रही हैं।

ईको फ्रेंडली प्रयास -

तकनीक की दुनिया के बाजीगर जापान ने अपने देश में ईको फ्रेंडली (Eco friendly) यानी पर्यावरण के अनुकूल ओलंपिक कराने का लक्ष्य निर्धारित कर तमाम तैयारियां की हैं। इन तैयारियों को देखकर दुनिया जापानी तकनीक का कायल होने से खुद को रोक नहीं पाएगी।

रिन्यूएबल एनर्जी -

आपको बता दें आयोजकों ने ओलंपिक 2020 में खेलों के आयोजन के दौरान सौ फीसदी रिन्यूएबल एनर्जी यानी नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग का लक्ष्य तय किया था।

इस लक्ष्य के तहत विंड और सोलर एनर्जी से स्टेडियम के साथ एथलीट्स विलेज को रोशन किया गया है। दुनिया को पर्यावरण का दोस्त बनने का संदेश देने वाले इस महान आयोजन की तैयारियों को जानकर पर्यावरण प्रेमी भी खासे प्रसन्न हैं।

कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे और ओलंपिक आयोजन के प्रति लोगों के विरोध के बावजूद यदि टोक्यो ओलंपिक-2020, साल 2021 में संभव हुआ तो यह एक बड़ी बात होगी।

यदि आयोजन मुनासिब हुआ तो इस ओलंपिक में खेलों के आयोजन के दौरान सौ फीसद रिन्यूएबल एनर्जी उपयोग में लाई जाएगी।

टोक्यो ओलंपिक में सौ फीसद रिन्यूएबल एनर्जी उपयोग का है लक्ष्य। - सांकेतिक चित्र
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मेडल्स भी खास -

इतना ही नहीं ओलंपिक में पार्टिसिपेट करने वाले एथलीट्स को खास तरीके से तैयार मेडल्स दिये जाएंगे। दिये जाने वाले मेडल्स को अनयूज़्ड मोबाइल फोन से तैयार किया गया है।

आपको बता दें मोबाइल फोन में कुछ मात्रा में सोना-चांदी के साथ कॉपर यूज़ होता है। इन प्रेशियस मेटल्स को निकालकर मेडल्स तैयार किये गये हैं। इन मेटल्स से कुल 5,000 मेडल्स तैयार होंगे।

रीयूज़ या रीसाइकल्ड –

मेडल बनाने के लिए कई टन फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे लैपटॉप आदि का कलेक्शन किया गया है। खास बात यह है कि ओलंपिक खेलों में उपयोग होने वाले 99% अन्य उत्पाद या तो रीयूज़ होंगे या फिर रीसाइकिल। स्मरणीय है कि इस प्रयोजन के लिए 80,000 फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस दान में मिली हैं।

टैक्सी भी खास -

जापान में टोक्यो ओलंपिक के लिए बनाए गए खेल गांव में टैक्सी सर्विस भी खास होने वाली है। बगैर ड्राइवर वाली खास ऑटोमेटिक टैक्सी की राइड का लुत्फ पैसेंजर्स स्मार्ट फोन से पैमेंट के जरिये ले सकेंगे।

ड्राइवरलेस टैक्सी के दरवाजे स्मार्ट फोन से खुलेंगे। कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए ये आइडिया काफी पापुलर हो रहा है। रोबोट टैक्सी कही जा रही इन टैक्सियों की टेस्ट राइड के लिए मची होड़ से टैक्सियों की लोकप्रियता के आलम को समझा जा सकता है।

सोलर सड़कें -

सोलर एनर्जी से जुड़े इन्वेंशन्स के मामले में जापान दुनिया के समक्ष मिसाल है। ओलंपिक हेतु तैयार खेलगांव में टैक्सियों के लिए सौर ऊर्जा से लैस खास सड़कें बनाई गई हैं।

इन सड़कों पर सोलर पैनल्स लगाए गए हैं जिनकी मदद से सोलर वाहन चलेंगे। खास बात यह है कि; सोलर पैनल्स को जमीन में लगाकर सड़क को सौर ऊर्जा चलित वाहनों के माकूल बनाया गया है।

रोबोट बताएंगे मायने-

यहां रोबोट्स इंसान की ज़ुबान बोलते नज़र आएंगे। आयोजकों ने विदेशियों को भाषाई परेशानी न हो इसलिए खास रोबोट्स बनाए हैं।

ये रोबोट्स न केवल भाषाई परेशानी हल करने में मेहमानों की मदद करेंगे बल्कि शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के बैग उठाने से लेकर अन्य सेवाओं के लिए भी हाज़िर रहेंगे। मतलब खेल आयोजन स्थलों पर रोबोट्स कामकाज में हाथ बंटाते नजर आएंगे।

कोरोना वायरस से जूझ रहे हमारे प्लानेट “अर्थ” यानी हमारी वसुंधरा को सहेजने की जा रही कोशिश सराहनीय कही जानी चाहिए।

वैक्सीन और ऑक्सीजन की किल्लत से जूझ रही पीढ़ी को हमारा गृह पृथ्वी कचरे के ढेर में तब्दील हो इससे पहले इन कचरे के ढेरों में से जीवन की गुंजाईश तलाशनी शुरू करनी होगी।

पृथ्वी पर तेजी से बढ़ता तापमान और पनप रही अब तक समझ में नहीं आई कोरोना वायरस जैसी महामारी इस बात की ही चेतावनी/समझाईश हमें बार-बार दे रही है।

डिस्क्लेमर – आर्टिकल प्रचलित मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त प्रचलित जानकारी जोड़ी गई हैं। इस आर्टिकल में प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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