कॉमनवेल्थ गेम्स से जुड़ी हैं लोगों को उम्मीदें, जानिए कैसा रहा भारत का सफ़र?
राज एक्सप्रेस। कॉमनवेल्थ गेम्स का आगाज हो चुका है और इसके साथ ही भारतियों में भी जोश की एक लहर देखने को मिल रही है। देखा गया है कि जब कभी ब्रिटिश धरती पर कॉमनवेल्थ गेम्स हुए हैं, तब भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन शानदार रहा है। इस साल बर्मिंघम में होने वाले इन खेलों में सभी को भारत के खिलाड़ियों से काफी उम्मीदें हैं। हालांकि इस साल कॉमनवेल्थ गेम्स में तीरंदाजी को शामिल नहीं किया गया है। लेकिन इसके बावजूद खेल के लिए उत्साह में कोई कमी नहीं आई है। इस साल देश से 214 खिलाड़ी कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा ले रहे हैं। इस मौके पर हम आपको कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के अब तक के सफ़र से रूबरू करवा रहे हैं।
कब मिला भारत को पहला मेडल?
कॉमनवेल्थ गेम्स की शुरुआत साल 1930 के दौरान हुई थी, लेकिन इसमें भारत ने भाग नहीं लिया था। इसके उपरांत साल 1934 में पहली बार भारत कॉमनवेल्थ गेम्स का हिस्सा बना और 1 मेडल अपने नाम किया। अब तक कॉमनवेल्थ गेम्स कुल 21 बार आयोजित किया का चुका है। भारत साल 1930, 1950, 1962, 1986 में इसका हिस्सा नहीं रहा।
कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को मिले कितने मेडल?
भारत ने कॉमनवेल्थ गेम्स में कुल 503 मेडल अपने नाम किए हैं। जबकि भारत के अब तक के सबसे अच्छे खेल की बात करें तो साल 2010 के दौरान दिल्ली की मेजबानी में भारत का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ रहा था। इस दौरान भारत ने 101 मेडल के साथ कॉमनवेल्थ गेम्स में दूसरा स्थान हासिल किया था। अभी तक के कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के नाम 181 गोल्ड, 173 सिल्वर और 149 ब्रॉन्ज मेडल रहे हैं। केवल दो साल 1938 और 1954 के दौरान ही भारत को कोई मेडल हासिल नहीं हुआ था।
कौन से खेल से है भारत की पहचान?
हमेशा से भारत को शूटिंग, वेटलिफ्टिंग और रेस्लिंग में सबसे अच्छा प्रदर्शन करते देखा गया था। इन तीनों खेलों में भारत ने अब तक कुल 362 मेडल अपने नाम किए हैं।
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