क्या भारतीय टीम दोहरा पाएगी इतिहास
क्या भारतीय टीम दोहरा पाएगी इतिहासSyed Dabeer Hussain - RE

वनडे विश्वकप : अगर भारतीय टीम दोहराना चाहती है इतिहास, तो उसे करने होंगे कुछ महत्वपूर्ण बदलाव

भारतीय टीम के मौजूदा प्रदर्शन को देखें तो भले ही टीम का विश्वकप जीतना मुश्किल लग रहा है लेकिन अगर टीम अपने खेल में सुधार करती है तो भारत एक बार फिर वनडे क्रिकेट का चैंपियन बन सकता है।
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राज एक्सप्रेस। भारत में इस साल होने वाले एकदिवसीय क्रिकेट विश्वकप में करीब छह माह का समय ही बचा हुआ है। सभी टीमें विश्वकप के लिए अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी हैं। यदि भारतीय टीम को 10 साल बाद आईसीसी टूर्नामेंट जितना है तो उसके लिए महत्वपूर्ण बदलाव और सुधार करने होंगे। वहीं अगर हाल ही में हुई ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज को देखें तो भारतीय टीम की तैयारी अब भी अधूरी नजर आ रही है।

बल्लेबाजी को करना होगा मजबूत :

किसी समय भारतीय टीम की ताकत उसकी बल्लेबाजी हुआ करती थी, लेकिन पिछले कुछ समय में भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वनडे में जहां भारतीय टीम छोटे लक्ष्य का पीछा करते हुए भी बुरी तरह लड़खड़ा गई थी, वहीं दूसरे वनडे में महज 117 रनों पर पूरी टीम सिमट गई थी। तीसरे वनडे में भी बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर सके। ऐसे में अगर बल्लेबाजी में सुधार नहीं होता है तो विश्वकप जीतना मुमकिन नहीं होगा। बल्लेबाजी के अलावा गेंदबाजी और फील्डिंग में भी भारतीय टीम प्रभाव नहीं छोड़ सकी।

अपनी भूमिका समझे खिलाड़ी :

भारतीय टीम को विश्वकप जीतना है तो फिर टीम के सभी खिलाड़ियों को अपनी भूमिका को समझना होगा और परिस्थिति के हिसाब से अपने खेल में बदलाव करना होगा। टीम मैनेजमेंट को भी चाहिए कि वह बैटिंग ऑर्डर में लगातार बदलाव करने से बचे ताकि खिलाड़ी अपनी भूमिका को लेकर कन्फ्यूज ना हो।

आईपीएल से मिल सकता है फायदा :

विश्वकप से पहले भारतीय टीम को वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन-तीन मैचों की वनडे सीरीज और एशिया कप खेलना है। जल्दी ही आईपीएल भी शुरू होने वाला है। ऐसे में चयन समिति चाहे तो आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को विश्वकप से पहले आजमा सकती है।

लेने होंगे कड़े फैसले :

भारतीय टीम इस समय खिलाड़ियों की चोटों से भी परेशान है। टीम के स्टार तेज गेंदबाज बुमराह, विकेटकीपर ऋषभ पंत चोट के चलते टीम से बाहर है। श्रेयस अय्यर को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चोंट के चलते मैच बीच में ही छोड़ना पड़ा। ऐसे में चयन समिति को कड़े फैसले लेते हुए ऐसे खिलाड़ियों को टीम से बाहर करना होगा, जो पूरी तरह से ठीक नहीं है। इसके अलावा ऐसे खिलाड़ियों पर भी एक्शन लेना होगा, जो अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं।

दोहराया जाएगा इतिहास?

साल 2011 से पहले किसी भी मेजबान टीम ने विश्वकप नहीं जीता था। साल 2011 में भारतीय टीम अपने घर में विश्वकप जीतने वाली पहली टीम बनी थी। इसके बाद तो यह सिलसिला शुरू हो गया। साल 2015 में ऑस्ट्रेलिया और फिर साल 2019 में इंग्लैंड ने भी अपने घर में विश्वकप जीता। अब इस साल फिर से विश्वकप भारत की जमीन पर हो रहा है। ऐसे में देखना होगा कि क्या भारतीय टीम एक बार फिर से इतिहास दोहरा पाती है या नहीं? वैसे भारतीय टीम के मौजूदा प्रदर्शन को देखें तो भले ही यह मुश्किल लगे लेकिन अगर टीम अपने खेल में सुधार करें तो भारत एक बार फिर वनडे क्रिकेट का चैंपियन बन सकता है।

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