अब टी20 विश्व कप पर शेफाली की नजर
पोचेफ्स्ट्रूम। भारत की विस्फोटक सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा ने अंडर-19 महिला विश्व कप जीतने के बाद अगले महीने होने वाले सीनियर महिलाओं के टी20 विश्व कप पर नजर जमा ली है। भारत ने शेफाली की कप्तानी में रविवार को फाइनल में इंग्लैंड को सात विकेट से हराकर पहला अंडर-19 महिला टी20 विश्व कप अपने नाम किया। शेफाली ने जीत के बाद कहा कि “यह सिर्फ शुरुआत है” और वह इस आत्मविश्वास का इस्तेमाल सीनियर महिला टी20 विश्व कप जीतने के लिये करना चाहेंगी। शेफाली ने फाइनल के बाद कहा, “मैं ऐसी व्यक्ति हूं जो सामने मौजूद काम पर ध्यान देती है। जब मैं अंडर-19 विश्व कप में आई तब मैंने सारा ध्यान कप जीतने पर केंद्रित किया और आज हमने यह जीत लिया। मैं इस आत्मविश्वास को अपने साथ लेकर सीनियर विश्व कप जीतना चाहूंगी।”
शेफाली के साथ-साथ अंडर-19 विश्व विजेता टीम से ऋचा घोष भी सीनियर टीम में शामिल होंगी और 10 फरवरी से केप टाउन में शुरू होने वाले टी20 विश्व कप में हिस्सा लेंगी। अपने शुरुआती दो मैचों में 45 और 78 के स्कोर बनाने के बाद शेफाली टूर्नामेंट के अगले चार मैचों में सिर्फ 34 रन जोड़ सकीं। फाइनल में भी शेफाली ने सिर्फ 15 रन बनाये, और कुछ देर बाद उनकी साथी ओपनर श्वेता सेहरावत भी मात्र पांच रन के स्कोर पर पवेलियन लौट गयीं। इंग्लैंड इससे पहले सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 99 रन के स्कोर का बचाव करने में सफल रही थी, लेकिन फॉर्म में चल रहे दोनों ओपनर 20 रन के स्कोर पर गंवाने के बाद भी भारतीय टीम ने दबाव नहीं लिया और 14 ओवर में 69 रन का लक्ष्य हासिल कर लिया। शेफाली ने अपनी टीम के प्रदर्शन पर कहा, “मैंने पहली बार कप्तानी की है। मैंने बतौर युवा भी टीम की कमान संभाली है लेकिन यह एक बड़ा मंच है और यहां काफी कुछ अलग है। मैंने इससे बहुत कुछ सीखा है। अपने खिलाड़ियों को जानना और उनकी क्षमताओं को समझना महत्वपूर्ण रहा। शायद पूरे टूर्नामेंट के दौरान मैं यह करने में सफल रही।”
उन्होंने कहा, “मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकती, लेकिन पूरी टीम का शुक्रिया। जिस तरह उन्होंने एक दूसरे का साथ दिया और समर्थन किया, मैं इनको याद करने वाली हूं।” शेफाली ने तीन साल पहले मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर टी20 महिला विश्व कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों मिली हार के दुख का भी उल्लेख किया। भावुक शेफाली ने कहा, “मेलबर्न मेरे लिये बहुत भावुक दिन था। हम वह मैच नहीं जीते थे। जब मैं अंडर-19 टीम में शामिल हुई तब मैं सिर्फ यही सोच रही थी कि हमें यह विश्व कप जीतना है। मैं सभी लड़कियों को यही बता रही थी कि हमें यह विश्व कप जीतना है। हम यहां विश्व कप जीतने आये हैं। हम पहले विश्व कप हार गये थे और वह दुख के आंसू थे। आज यह खुशी के आंसू हैं क्योंकि हमने वह हासिल कर लिया है जो हासिल करने हम यहां आये थे।” उन्होंने कहा, “मैंने इसे काबू करना चाहा लेकिन मैं नहीं कर सकी। मैं इसे एक बड़ी उपलब्धि मानूंगी और इससे कुछ सीखने की कोशिश करूंगी। मैं भारत के लिये और रन बनाने की कोशिश करूंगी। मुझे इस कप से संतुष्ट नहीं होना है। यह तो बस शुरुआत है।”
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