क्रिस्टियानो रोनाल्डो ही नहीं बल्कि फुटबॉल के यह दिग्गज भी कभी नहीं जीत पाए फीफा विश्वकप
राज एक्सप्रेस। कतर में चल रहे फीफा विश्वकप 2022 से दिग्गज क्रिस्टियानो रोनाल्डो की टीम पुर्तगाल से बाहर हो चुकी है। क्वार्टरफाइनल मुकाबले में मोरोक्को ने पुर्तगाल को 1-0 से हराकर टूर्नामेंट से बाहर कर दिया है। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक माने जाने वाले 37 वर्षीय रोनाल्डो का यह आखिरी फीफा विश्वकप था और इस हार के चलते उनका वर्ल्ड कप जीतने का सपना भी चूर हो गया। यही कारण है कि इस हार के बाद वह काफी भावुक हो गए। वहीं अपने पसंदीदा खिलाड़ी को इस तरह रोता हुआ देख उनके फैंस भी अपने आंसू नहीं रोक पाए। वैसे बता दें कि रोनाल्डो से पहले और भी कई महान फुटबॉलर रहे हैं, जो कभी वर्ल्ड कप नहीं जीत सके।
जोहान क्रुफ :
हॉलैंड की ओर से खेलने वाले जोहान क्रुफ को यूरोप के इतिहास का सबसे बेहतरीन फुटबॉलर माना जाता है। उनके प्रदर्शन का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते है कि उन्होंने तीन बार गोल्डन बॉल का खिताब अपने नाम किया था। साल 1974 में वह अपनी टीम को फीफा विश्वकप के फाइनल तक जरूर लेकर गए थे, लेकिन टीम को कभी विश्वकप नहीं जीता पाए।
फेरेंस पुस्कस :
हंगरी और स्पेन की ओर से खेलने वाले फेरेंस पुस्कस की गिनती उस समय के सबसे बेहतरीन फॉर्वर्ड खिलाड़ीयों में होती थी। साल 1952 में हुए ओलंपिक खेलों में उन्होंने अपनी टीम हंगरी को स्वर्ण पदक भी जिताया था। इसके बाद साल 1954 में हुए फीफा विश्वकप में उनकी टीम फाइनल में पहुंचकर हार गई थी। इसके बाद उन्होंने स्पेन की नागरिकता ले ली और स्पेन की ओर से भी फीफा विश्वकप में हिस्सा लिया, लेकिन वह कभी विश्वकप नहीं जीत पाए।
अल्फ्रेडो डि स्टेफनो :
20वीं शताब्दी के पांच सबसे बेहतरीन फ़ुटबॉलरों में एक डिस्टेफनो ने पहले अर्जेंटीना और फिर स्पेन की ओर से फुटबॉल खेला। हालांकि वह भी कभी विश्वकप जीतने का अपना सपना पूरा नहीं कर पाए।
यूसेबियो :
साल 1965 में यूरोप के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के तौर पर चुने गए यूसेबियो को पुर्तगाली फुटबॉल का पहला महान फुटबॉलर माना जाता है। उनके बेहतरीन प्रदर्शन के चलते साल 1966 में हुए फीफा विश्वकप में उनकी टीम सेमीफाइनल तक पहुंची थी, लेकिन वह कभी अपनी टीम को विश्वकप नहीं दिला सके।
मैक्रो वैन बैस्टन :
तीन बार के गोल्डन बॉल विजेता मैक्रो वैन बैस्टन को साल 1992 में विश्व का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया था। हॉलैंड की टीम का हिस्सा रहे बैस्टन ने सिर्फ एक बार साल 1990 में हुए फीफा विश्वकप में हिस्सा लिया था, लेकिन वह अपनी टीम को विश्वकप नहीं जीता पाए। साल 1993 में टखने की चोंट के चलते उनका करियर और विश्वकप जीतने का सपना हमेशा के खत्म हो गया।
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