लंदन। वेस्ट इंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग का बेहतरीन ब्रॉडकास्टिंग करियर और उनकी शानदार आवाज इस सीजन के बाद दोबारा नहीं सुन या देख पाएंगे। पिछले दो दशकों से होल्डिंग स्काई स्पोर्ट्स की कॉमेंट्री टीम के साथ जुड़े रहे हैं, एक ऐसी बेमिसाल भूमिका जैसा कभी उनका क्रिकेट करियर रहा था। होल्डिंग को अपने वक़्त का बेहतरीन तेज गेंदबाज माना जाता था, उन्होंने वेस्टइंडीज के लिए 1975 से 1987 के बीच 60 टेस्ट और 102 वनडे मैच खेले थे। होल्डिंग उस वेस्टइंडीज टीम का अभिन्न अंग रहे थे जिसने उस समय क्रिकेट जगत पर राज किया था।
होल्डिंग के कॉमेंट्री करियर का आग़ाज 1988 में कैरेबियाई सरजमीं पर ही हुआ था और देखते ही देखते उनका अंदाज पूरी दुनिया में पसंद किया जाने लगा। जिस तरह से उनके क्रिकेट करियर में उनके खतरनाक रनअप को देखते हुए उनका नाम 'व्हिस्परिंग डेथ' पड़ गया था, कुछ उसी अंदाज़ में 66 वर्षीय होल्डिंग को साफ़ विचारों और सटीक टिप्पणी के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने कभी भी घरेलू टी-20 लीग में कॉमेंट्री नहीं की, क्योंकि वह हमेशा कहते आए कि ये क्रिकेट है ही नहीं।
आधुनिक दौर के क्रिकेट दर्शकों ने पिछले साल होल्डिंग का एक अलग रूप भी देखा, जब 'ब्लैक लाइव्स मैटर मूवमेंट' के दौरान होल्डिंग ने मुखर होकर अपनी बात रखी। स्काई स्पोर्ट्स के साथ उन्होंने जिस लाजवाब अंदाज में जातिवाद और रंगभेद के खिलाफ़ दिल छूने वाली बात रखी वह पिछले साल ब्रॉडकास्ट दुनिया में न सिर्फ सुर्ख़ियों में रही, बल्कि इंग्लैंड में उन्हें दो ब्रॉडकास्ट अवॉर्ड से भी नवाजा गया।
होल्डिंग ने कभी अपने जज्बातों को बाहर आने से रोका नहीं, जो पाकिस्तानी फ़ैन्स और दर्शक कभी भूल नहीं सकते। जब मोहम्मद आमिर और मोहम्मद आसिफ़ के स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने की बात सामने आई थी तो उस समय लॉर्ड्स टेस्ट में माइकल होल्डिंग ने इस पर खुलकर अपनी बात रखी थी।
ये माइकल होल्डिंग का शानदार किरदार और बेहतरीन अंदाज ही है कि जब उनकी राष्ट्रीय टीम कोई मैच नहीं खेल रही होती है तो भी वह उन चंद पूर्व क्रिकेटरों में से हैं जो क्रिकेट कॉमेंट्री कर रहे होते हैं। होल्डिंग हाल ही में इंग्लैंड और भारत के बीच खेली गई टेस्ट सीरीज में भी पैनल में मौजूद थे। हालांकि उन्होंने पिछले साल ही इस बात का संकेत दे दिया था कि उनका ब्रॉडकास्टिंग करियर अब ज्यादा लंबा नहीं है।
मैं नहीं बता सकता कि 2020 के बाद और मैं कितने दिनों तक कॉमेंट्री कर पाऊंगा, मुझे नहीं लगता कि ये ज्यादा दिन चलेगा। मेरी उम्र भी हो रही है, मैं अब 66 साल का हो रहा हूं और अब वह 34, 46 या 56 साल वाली बात मुझमें नहीं हैं। मैंने स्काई स्पोर्ट्स को कह दिया है कि मैं एक साल से ज्यादा अब आपको नहीं दे पाऊंगा, अगर इस साल क्रिकेट नहीं हुआ तो शायद मैं 2021 का सोच सकता हूं। क्योंकि मैं इसी तरह तो स्काई को नहीं छोड़ सकता, एक ऐसी कंपनी जिसने मेरे लिए काफ़ी कुछ किया है।
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