हाइलाइट्स –
LPL की साख पर धब्बा!
दांबुला वाइकिंग पर शिकंजा
ऑनर सचिन जोशी गिरफ्तार
मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्तता : ED
राज एक्सप्रेस। लंका प्रीमियर लीग (LPL) की फ्रैंचाइजी दांबुला वाइकिंग के मालिक सचिन जोशी को इंडियन इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) यानी भारतीय प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने गिरफ्तार कर लिया।
भारतीय प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लंका प्रीमियर लीग (LPL) की फ्रेंचाइजी दांबुला वाइकिंग के मालिक सचिन जोशी को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की है।
द मॉर्निंग का खुलासा -
श्रीलंका के समाचार माध्यम द मॉर्निंग (themorning) पर द बिजनेस स्टैंडर्ड इन इंडिया की 17 फरवरी को प्रकाशित रिपोर्ट के हवाले से जारी खबर में इस बात का उल्लेख है।
खबर के मुताबिक फ्रैंचाइजी के ऑनर जोशी जो कि एक व्यवसायी, फिल्म अभिनेता और निर्माता हैं, का कथित रूप से “ओंकार रियल्टर्स एंड डेवलपर्स” के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग (काले धन को वैध बनाना) संबंधी केस से संबंध है।
रविवार को गिरफ्तारी -
ईडी ने कहा है कि जोशी को इस मामले के जांच अधिकारी द्वारा कई घंटों तक पूछताछ करने के बाद रविवार को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA-पीएमएलए) यानी धन शोधन निरोधक अधिनियम से संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया।
दांबुला वाइकिंग का प्रदर्शन -
दांबुला वाइकिंग दासुन शनाका की कप्तानी में पांच टीमों के उद्घाटन वाली लंका प्रीमियर लीग के सेमीफाइनल में पहुंची थी। दांबुला वाइकिंग ने पिछले दिसंबर में श्रीलंका की टी 20 टीम के पूर्व कप्तान दासुन शनाका की कप्तानी में पांच टीमों के उद्घाटन वाली लंका प्रीमियर लीग (LPL 2020) के सेमीफाइनल में स्थान बनाया था। इस दौरान टीम के हेड कोच इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर ओवैस शाह थे।
गुटका उत्पादक -
एक स्पेशल एंटी मनी लॉन्ड्रिंग कोर्ट ने बाद में जोशी को ईडी की हिरासत में 18 फरवरी तक भेज दिया। जोशी के पिता जे.एम. जोशी “जेएमजे ग्रुप” के प्रमोटर हैं। यह समूह गुटका उत्पादन करता है। यह समूह आतिथ्य क्षेत्र में भी सेवाएं प्रदान करता है।
भारतीय आयकर विभाग ने आरोप की जद में आए समूह और उससे जुड़े लोगों के खिलाफ लगभग छह दिनों तक कई शहरों में छापामार कार्रवाई की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह विभागीय कार्रवाई 13 फरवरी को समाप्त हुई।
बेहिसाब लेनदेन का खुलासा -
श्रीलंका के समाचार के अनुसार कर विभाग के अधिकारियों ने दावा किया कि उन्होंने भारतीय रुपये के "बेहिसाब" लेनदेन का पता लगाया है। जांच में 1,500 करोड़ (भारत का 1 करोड़ रुपया श्रीलंका के लगभग 26.9 मिलियन रुपयों के समतुल्य) रुपयों के बेहिसाब लेनदेन का पता चला है।
ताकि पता चल सके -
इस बीच, ईडी ने कहा है कि वह सचिन जोशी को हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है, ताकि भारतीय 87 करोड़ रुपयों के कथित 'डायवर्ज़न' की जांच की जा सके।
ईडी के मुताबिक कथित रूप एक झुग्गी पुनर्वास योजना निधि की इस बड़ी राशि का “ओंकार समूह” से वाइकिंग ग्रुप नाम की कंपनी में डायवर्ज़न हुआ।
संदिग्ध बिजनेस रिकॉर्ड -
ऐसी अटकलें थीं कि एलपीएल की कुछ फ्रैंचाइज़ी मालिकों के व्यवसाय रिकॉर्ड संदिग्ध थे। आरोप हैं कि इस क्षेत्र में फ्रेंचाइजी लीग क्रिकेट को कथित तौर पर बड़े पैमाने पर मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग के लिए उकसाया गया।
ईडी ने आरोपी की रिमांड मांगते हुए दावा किया है कि; "यह सिद्ध हुआ है कि 'यस बैंक' से लिए गए ऋण का रास्ता बदल दिया गया और आरोपी (जोशी) ने कम से कम 87 करोड़ भारतीय रुपये की राशि के लिए ओंकार समूह "के प्रमोटरों की मदद की है।"
जोशी का इनकार -
ईडी का आरोप है कि यह एक बहुत बड़ी धन राशि है, जिसे अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर आरोपी ने गलत तरीके से उपयोग किया है। हालांकि प्रकाशित खबर में उल्लेख है कि आरोपी बनाए गए जोशी ने ईडी के साथ दर्ज अपने बयान में किसी भी गलत काम से इनकार किया है।
पिछले महीने गिरफ्तारी -
ईडी ने पिछले महीने "ओमकार रियल्टर्स एंड डेवलपर्स" और समूह के खिलाफ छापे मारने के बाद चेयरमैन कमल किशोर गुप्ता और प्रबंध निदेशक बाबूलाल वर्मा को गिरफ्तार किया था।
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में जिला पुलिस की पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) का अध्ययन करने के बाद ईडी ने मामला दर्ज किया। औरंगाबाद में धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात का मुकाबला दर्ज हुआ था।
सचिन का कामकाज -
36 वर्षीय सचिन जोशी का नाम तेलुगु और हिंदी सिनेमा उद्योग में भी जुड़ा है। इसके अलावा वे फ्रैंचाइजी क्रिकेट में निवेश के साथ ही अन्य व्यवसायों से भी ताल्लुक रखते हैं।
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