जिंग बेल्स जले तो आउट दो : आकाश चोपड़ा
मुम्बई। पूर्व भारतीय बल्लेबाज और क्रिकइंफो में एक्सपर्ट आकाश चोपड़ा का मानना है कि अगर जिंग बेल्स जल जाती हैं और गिरती नहीं है तब भी बल्लेबाज को आउट देना चाहिए। वानखेड़े में गुजरात टाइटंस बनाम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु मुकाबले में बल्लेबाजी करने आए ग्लेन मैक्सवेल, राशिद खान की पहली ही गेंद पर पूरी तरह से बीट हुए और गेंद स्टंप्स से टकराते हुए बाउंड्री पर चली गई लेकिन जिंग बेल्स गिरी ही नहीं।
चोपड़ा ने कहा, बत्ती जल गई तो बल्लेबाज की बत्ती गुल हो जानी चाहिए इसमें कोई शक नहीं है। ये जिंग बेल्स हैं, जो बहुत भारी होती हैं। जब लकड़ी की बेल्स आई थीं तो इसलिए आई थीं कि अगर गेंद हल्की सी भी स्टंप्स पर लगे तो यह गिर जाती थीं। कई बार तो यह हवा अधिक चलने पर ही गिर जाती थीं, तब इनको गीला करके रखा जाता था। आज कल जिंग बेल्स हल्का सा थपकी भी लगाओ तो गिरती नहीं हैं क्योंकि ये बहुत भारी होती हैं। मेरा तो यही मानना है कि लाइट जलती है तो आउट देना चाहिए। इस नियम में बदलाव की जरूरत है।
चोपड़ा ने इस मामले में कहा, यह दुर्भायपूर्ण है कि हम सब लकीर के फकीर बन जाते हैं। अब अगर आपके पास वह सबूत नहीं है और थर्ड अंपायर के भी हाथ बंंधे हैं तो यह प्रोटोकॉल है कि अंपायर को आउट देना होगा। हालांकि, मेरा मानना है कि तब सामान्य बुद्धि के साथ जाना चाहिए। थोड़ा सा नियमों में लचीलापन होना जरूरी है। गलती कोई जानबूझकर नहीं करेगा, लेकिन सामान्य बुद्धि का प्रयोग होना चाहिए। इस मैच में ऐसा ही एक वाकया पहली पारी में अल्ट्रा ऐज को लेकर भी हुआ।
मैक्सवेल की गेंद पर मैथ्यू वेड को अंपायर ने एलबीडब्ल्यू दे दिया। वेड ने तुरंत डीआरएस ले लिया, क्योंकि वह जानते थे कि गेंद उनके बल्ले या ग्लव्स से लगकर पैड पर लगी है, लेकिन अल्ट्रा एज में दिखा कि गेंद कहीं भी बल्ले या ग्लव्स से नहीं लगी है। थर्ड अंपायर ने भी उन्हें आउट दिया और वेड बेहद निराश दिखे। पवेलियन पहुंचकर उन्होंने अपना हेलमेट दीवार पर देकर मारा और बल्ला भी फेंक दिया।
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