राज एक्सप्रेस। भारत के जाने-माने पत्रकार रजत शर्मा ने शनिवार को दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है, उन्होंने अपने इस्तीफे की सूचना अपने ट्विटर अकाउंट से दी है।
उन्होंने कहा कि संस्था के बीच अंदरूनी दबाव में काम करना सही नहीं है। रजत शर्मा के 20 महीने चलने वाले इस कार्यकाल में महासचिव विनोद तिहाड़ा से उनके मतभेद सामने आते रहे हैं। विनोद तिहाड़ा को संगठन के भीतर भरपूर समर्थन मिलता जा रहा है, रजत शर्मा ने अपने बयान में बताया कि यहां क्रिकेट प्रशासन हर समय दबावों में काम करता है, मुझे लगता है कि निजी स्वार्थ यहां हर समय क्रिकेट के हितों के खिलाफ काम करते रहते हैं।
रजत शर्मा के इस्तीफे के बाद CEO और CAC ने भी दिया इस्तीफा
रजत शर्मा के इस्तीफे के कुछ देर बाद सीईओ रवि चोपड़ा ने भी इस्तीफा दे दिया साथ ही क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के दो सदस्य सुनील वाल्सन और यशपाल शर्मा ने भी अपना पद छोड़ दिया, अब देखना यह होगा कि क्या अतुल वासन की अगुवाई वाली चयनसमिति और कोच केपी भास्कर रणजी ट्रॉफी टीम के लिए इस संस्था के साथ बने रहेंगे या फिर वो भी अपने पद को लेकर कुछ कदम उठाएंगे।
रजत शर्मा ने अपने बयान में कहा कि ईमानदारी और पारदर्शिता से काम करना यहां संभव नहीं दिख रहा है और मैं किसी भी जगह समझौता करने में सक्षम नहीं हूं।
रजत शर्मा ने कहा कि मेरे कार्यकाल में बहुत सी चीजें गलत हो रही थीं, इसलिए मैंने खुद को इससे अलग कर लिया है, मैं डीडीसीए के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं।
रजत शर्मा के इस्तीफे के बाद तिहाड़ा का भी निलंबन समाप्त होने की संभावना सामने आ रही हैं। इससे उनका 1 दिसंबर में मुंबई में होने वाली बीसीसीआई की बैठक में डीडीसीए के प्रतिनिधि के रूप में शामिल होना तय है। तिहाड़ा ने पीटीआई को बताया रजत शर्मा का फैसला सही फैसला है, शुक्रवार को आठ निदेशकों ने अध्यक्ष की सभी शक्तियों को वापस लेने के पक्ष में सहमति दी और हस्ताक्षर भी किए थे।
तिहाड़ा का कहना है कि अध्यक्ष बनने की मेरी कोई इच्छा नहीं है, महासचिव होने के कारण मेरे पास बहुत काम है, हमें रजत शर्मा के इस्तीफे को स्वीकार करने के लिए आपात बैठक करनी होगी, जो कोई समस्या का विषय नहीं है, फिर हमें नए अध्यक्ष के चयन के लिए आम सभा की बैठक की तारीख भी तय करनी होगी।
तिहाड़ा ने रजत शर्मा के ही साथियों के विरुद्ध डीडीसीए का चुनाव जीता था, लेकिन पहले महीने में ही उनके क्रिकेट और प्रशासनिक गतिविधियों से जुड़े मामलों पर अध्यक्ष के साथ मतभेद हो गए थे।
इन मामलों में प्रोटोकॉल का अनुसरण किए बिना भर्तियों पर नियंत्रण करने का आरोप भी लगा, तिहाड़ा को कार्यकारी समिति ने अनुशासनात्मक मामले में निलंबित कर दिया गया था। जिस पर तिहाड़ा ने इसे कोर्ट में चुनौती पेश की थी।
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के करीबी थे रजत शर्मा
भारत के पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के समर्थन के बाद रजत शर्मा को डीडीसीए का अध्यक्ष बनाया गया था।
डीडीसीए के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक अरुण जेटली के निधन के बाद रजत शर्मा की डीडीसीए में स्थिति कमजोर होती जा रही थी। अरुण जेटली उनके बहुत करीबी मित्र थे और वे रजत शर्मा की ताकत भी थे।
ताज़ा ख़बर पढ़ने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। @rajexpresshindi के नाम से सर्च करें टेलीग्राम पर।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।