हाइलाइट्स :
रोटेशन पॉलिसी पर दी राय
मच सकता है दंगल!
गांगुली-धोनी पर पूछा था पत्रकारों ने
राज एक्सप्रेस। भारतीय क्रिकेट टीम ने दिवाली के पहले मेहमान दक्षिण अफ्रीका का व्हाइट वॉश कर दिया। लेकिन टेस्ट सीरीज़ के आखिरी मैच में सामने आई एक बड़ी समस्या के बारे में बोलते समय कप्तान विराट कोहली कुछ ऐसा बोल गए जिसके नतीजे बाद में उल्टे भी पड़ सकते हैं।
इस बारे में था सवाल- दरअसल रांची में हुए टेस्ट सीरीज़ के आखिरी मैच में आयोजकों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मेहमानों ने आवभगत में कमी और कम दर्जे की होटल में रुकवाने जैसी परेशानियों का तक ज़िक्र किया। लेकिन सबसे बड़ी बात ये रही कि जिसके लिए ये तामझाम किया गया था वो दर्शक ही मैदान से दूर रहे। कुल 39 हजार की दर्शक संख्या वाले मैदान में अंतरराष्ट्रीय मैच के मात्र 1500 टिकट बिके।
ये कहा- सीरीज़ जीतने के बाद जब भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान से इस बारे में जानना चाहा तो उन्होंने कहा- “अब समय आ गया है टेस्ट फॉर्मेट को जिंदा रखने के लिए 5 स्थायी मैदान हों।”
तर्क दिया- कप्तान कोहली ने इस बारे में कुछ वजनदार तर्क भी दिए जैसे कि विदेशी टीमों को भारत में दौरे के पहले मैदानों के बारे में पहले से जानकारी होना चाहिए। साथी ही राय दी कि ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज़ में सिलेक्टेड सिक्स ग्राउंड्स में मैच होते हैं।
सुझाव में कहा- कम टिकट बिकने से निराश कोहली ने सुझाव दिया कि टेस्ट क्रिकेट को जिंदा रखने के साथ ही रोमांच बनाए रखने के लिए भारत में 5 स्थाई मैदान होने चाहिए। गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया में मेलबर्न, सिडनी, पर्थ, ब्रिस्बेन और एडिलेड तो इंग्लैंड में लॉर्ड्स, ओवल, ट्रेंट ब्रिज, ओल्ड ट्रैफर्ड, एजबेस्टन, साउथम्पटन और हेडिंग्ले के नाम मशहूर हैं।
पर यह नहीं बताया- कि भारत में वे कौन से पांच टेस्ट स्थल होने चाहिए। लेकिन माना जा रहा है कि वे मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, दिल्ली और बेंगलुरू शहरों में टेस्ट मैच चाहते हैं। संपन्न सीरीज़ के तीनों मैच विशाखापत्तनम, पुणे और रांची में खेले गए। इन शहरों का ये केवल दूसरा ही टेस्ट मैच रहा।
भारत में सुविधा- इंडिया के 27 शहरों में टेस्ट मैच आयोजित किए जा सकते हैं। नियमों के कारण मुंबई और चेन्नई को साल 2016 के बाद से टेस्ट की मेजबानी नहीं मिली। इस दौरान छोटे शहरों में खेले गए टेस्ट मैचों में दर्शकों की कम उपस्थिति खेल और मैनेजमेंट दोनों के लिए घाटे का सौदा रही।
मच सकता है दंगल- सौरव गांगुली की बीसीसीआई के नए अध्यक्ष बतौर अधिकारिक घोषणा अभी बाकी है। ऐसे में टेस्ट मैचों के मैदान और मेजबानी की सुरसुरी छोड़कर कप्तान कोहली ने क्रिकेट संघों में बगावत का बिगुल तो नहीं फूंक दिया। क्योंकि क्रिकेट मैचों के आयोजन की एक पूरी प्रक्रिया है जिस पर खुलेआम टिप्पणी के कई मायने निकलते हैं।
रोटेशन पॉलिसी- बीसीसीआई हर प्रारूप में क्रिकेट मैदान के चयन के लिए रोटेशन नीति अपनाती है। BCCI के पास अभी टेस्ट मैचों के लिए 15 मैदान हैं। राज्य संघों को रोटेशन के आधार पर मैचों के आयोजन का जिम्मा मिलता है।
गांगुली-धोनी पर कहा- कप्तान विराट कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उन्होंने सौरव गांगुली को बधाई दी है। उनका बीसीसीआई का अध्यक्ष बनना शानदार बात है। धोनी मामले पर कप्तान कोहली ने कहा कि उन्होंने (गांगुली) ने अभी इस (धोनी के) बारे में मुझसे कोई चर्चा नहीं की है। जब पूछेंगे तब जरूर राय दूंगा।
धोनी पर तो नहीं तंज! - उन्होंने पांच स्टेडियम से जुड़े मुद्दे पर कहा कि “टेस्ट मैच ऐसी जगहों पर नहीं होना चाहिए जहां कम लोग मैच देखने पहुंचते हैं या नहीं आते हैं।” इस बयान पर सोशल मीडिया में बहस हो रही है। रांची क्रिकेट मैदान में दर्शकों की संख्या कम होने के कारण इसे धोनी पर कसे तंज से भी जोड़कर सोशल मीडिया में देखा जा रहा है।
भारत ने दक्षिण अफ्रीका को तीसरे और अंतिम टेस्ट में पारी और 202 रन से हराकर सीरीज में 3-0 से क्लीनस्वीप किया। इस जीत के साथ भारत को 40 अंक मिले। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (ICC Test Championship) के अपने सभी पांचों मैच जीतकर भारत 240 अंक के साथ शीर्ष पर है।
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