राज एक्सप्रेस। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के भविष्य दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) के अगले चक्र में बोली नहीं लगाएगा, लेकिन उसने तीन टूर्नामेंटों की मेजबानी करने की इच्छा जताई है। बीसीसीआई ने यहां रविवार को अपनी सर्वाेच्च परिषद की बैठक में यह फैसला लिया है। बोर्ड दुबई में इस बारे में आईसीसी से चर्चा करेगा।
समझा जाता है कि बीसीसीआई के इस फैसले के पीछे मुख्य रूप से दो कारण हैं। पहला कारण बीसीसीआई का आईसीसी की बोली की नई शुरू की गई प्रणाली का विरोध है। दरअसल बोर्ड के अधिकारियों ने पहले चर्चा के स्तर पर ही इसका विरोध किया था। दूसरे कारण की बात करें तो बीसीसीआई को लगता है कि आईसीसी टूर्नामेंट का आयोजन उतना ही क्रिकेट जगत के हित में है जितना कि भारत के। बोर्ड को उम्मीद है कि आईसीसी 2024-31 चक्र से चैंपियंस ट्रॉफी, टी-20 विश्व कप और वनडे विश्व कप की मेजबानी को आवंटित करेगा।
बीसीसीआई इस बात को लेकर भी संवेदनशील है कि वह कर छूट की गारंटी नहीं दे सकता है। यह भारत में किसी भी आईसीसी टूर्नामेंट की मेजबानी के लिए यह एक पूर्व शर्त है। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष बीसीसीआई द्वारा आयोजित होने वाले टी-20 विश्व कप को अभी तक भारत सरकार की ओर से कर छूट नहीं दी गई है। इतना ही नहीं यहां 2023 में विश्व कप के लिए छूट पर भी अभी तक सवालिया निशान है।
बीसीसीआई अधिकारियों ने सर्वाेच्च परिषद की बैठक में फैसला किया है कि जब वे दुबई जाएंगे तो वे आईसीसी के शीर्ष अधिकारियों से इस बारे में चर्चा करेंगे। बोर्ड के कई सदस्यों का मानना है कि अधिकतकर आईसीसी वाणिज्यिक हितधारकों के भारत से होने के कारण क्रिकेट के विश्व निकाय के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह भारत में वैश्विक टूर्नामेंटों की मेजबानी करे, क्योंकि आईसीसी के वाणिज्यिक साझेदार चाहते हैं कि विश्व कप के मैच भारतीय समय क्षेत्र में आयोजित किए जाएं।
डिस्क्लेमर : यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। इसमें राज एक्सप्रेस द्वारा कोई संशोधन नहीं किया गया है।
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