बीसीसीआई और ICC चेयरमैन शशांक मनोहर के बीच क्यों चल रही यह लड़ाई
राज एक्सप्रेस। वैश्विक महामारी के बीच T20 विश्व कप और आईपीएल पर संशय बना हुआ है। आईसीसी द्वारा T20 विश्व कप के फैसले को लेकर दो बार हुई बैठक में कोई निर्णय नहीं लिया गया। आखिरी बैठक में इस फैसले को जुलाई माह तक टाल दिया गया था।
इसे लेकर बीसीसीआई (BCCI), शशांक मनोहर से खुश नहीं है। बीसीसीआई अब आईसीसी चेयरमैन शशांक मनोहर से नाराज़ नजर आ रहा है। टी20 विश्व कप पर फैसला ना आने से आईपीएल पर भी कोई निर्णय नहीं हो पा रहा है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया द्वारा भी ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि टी-20 विश्वकप मुश्किल में नजर आता है।
आईपीएल के चक्कर में है यह नाराजगी
इस साल अगर आईपीएल नहीं होता तो बीसीसीआई को करीब 4000 करोड़ का नुकसान हो सकता है, ऐसे में बोर्ड विश्व कप टलने की स्थिति में अक्टूबर-नवंबर में आईपीएल करा सकता है। बीसीसीआई का मानना है कि विश्व कप पर फैसला टालकर शशांक मनोहर आईपीएल को लेकर टांग अड़ा रहे हैं।
इसे लेकर बीसीसीआई के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान कहा कि आईसीसी चेयरमैन कन्फ्यूजन पैदा कर रहे हैं, यदि मेजबान क्रिकेट वर्ल्ड T20 विश्वकप नहीं कराना चाहता तो फिर फैसले के लिए 1 महीने का समय क्यों लग रहा है, क्या वह बीसीसीआई को नुकसान करवाने की कोशिश में है।
सभी बोर्ड को नुकसान पहुंचा रही यह देरी
अधिकारी ने आगे की बातचीत में कहा कि बीसीसीआई और आईपीएल का मामला नहीं है। आईसीसी इसी महीने में विश्व कप को टालने का फैसला करता है, तो जो क्रिकेट बोर्ड या खिलाड़ी आईपीएल नहीं खेल रहे हैं, वह अपनी द्विपक्षीय सीरीज की तैयारी कर सकते हैं, फैसले में देरी सभी क्रिकेट बोर्डों को नुकसान पहुंचाने जैसी है।
उन्होंने आगे कहा कि बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष रह चुके मनोहर बीसीसीआई के खिलाफ काम कर रहे हैं, आईसीसी के रेवेन्यू बढ़ाने में बीसीसीआई की बड़ी भूमिका रहती है, उसके बावजूद बीसीसीआई के हिस्से में कटौती हुई है।
सौरव गांगुली भर सकते हैं आईसीसी पद का नामांकन
इस बातचीत में बीसीसीआई के अधिकारी ने यह संकेत भी दिया कि सौरव गांगुली आईसीसी के अध्यक्ष पद के लिए भी उम्मीदवारी पेश कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मनोहर का कार्यकाल खत्म हो चुका है, आईसीसी बोर्ड की बैठक में चुनाव की नामांकन प्रक्रिया पर भी ज्यादा चर्चा की गई थी। मुझे लगता है कि मनोहर चेयरमैन का पद छोड़ने वाले नहीं है, वह कार्यकाल बढ़ाने की कोशिश कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इंग्लैंड बोर्ड के अध्यक्ष कोलिन ग्रेव्स अभी पद की दौड़ में सबसे आगे हैं, यदि सौरव गांगुली उम्मीदवार नहीं होते तो बीसीसीआई भी कोलिन ग्रेव्स को सपोर्ट करता, यदि सबकी सहमति से फैसला नहीं होता तो फिर गांगुली भी नामांकन भरेंगे और लड़ाई रोमांचक होगी।
अधिकारी ने इस बात को भी स्पष्ट किया कि अगर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष एहसान मनी दावेदारी पेश करते हैं, तो इसका समर्थन बीसीसीआई बिल्कुल नहीं करेगा।
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