नई दिल्ली। अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) की अनुशासनात्मक समिति ने तीन मार्च को बेंगलुरु एफसी के विरुद्ध इंडियन सुपर लीग का प्लेऑफ मुकाबला बीच में छोड़ने के लिए केरल ब्लास्टर्स एफसी पर चार करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। एआईएफएफ ने शुक्रवार देर रात एक विज्ञप्ति जारी करके इसकी जानकारी दी। अनुशासनात्मक समिति ने मुकाबले में शामिल सभी पक्षों को सुनने और उनके विरोध एवं प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद केरल ब्लास्टर्स को 'मैच को छोड़ने के इस अनुचित आचरण के लिये' सार्वजनिक माफी जारी करने का भी निर्देश दिया है। ऐसा न करने पर ब्लास्टर्स का जुर्माना बढ़ाकर छह करोड़ रुपये कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि बेंगलुरु के श्री कांतीरवा स्टेडियम पर आयोजित मुकाबले में सुनील छेत्री ने एक फ्रीकिक पर बीएफसी के लिये गोल किया था, जिसपर ऐतराज जताने के बाद ब्लास्टर्स की टीम मैदान छोड़कर चली गई। ब्लास्टर्स का कहना था कि वे छेत्री की फ्रीकिक के लिए तैयार नहीं हो सके थे। इस संबंध में क्लब ने रेफरी क्रिस्टल जॉन्स के खिलाफ एआईएफएफ के समक्ष शिकायत भी दर्ज की थी।
ब्लास्टर्स के मुख्य कोच इवान वुकोमानोविक पर एआईएफएफ की प्रतियोगिताओं में 10 मैच का प्रतिबंध लगाया गया है। साथ ही एआईएफएफ अनुशासनात्मक कोड के अनुच्छेद 9.1.2 के तहत उन पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। महासंघ ने ब्लास्टर्स और वुकोमानोविक को एक सप्ताह के भीतर इस आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है। दोनों पक्षों को आदेश के खिलाफ अपील दायर करने का अधिकार है।
अनुशासनात्मक समिति ने यह भी कहा कि "मैच छोड़ना वैश्विक खेल इतिहास में, विशेष रूप से फुटबॉल में दुर्लभ घटनाओं में से एक है। भारत में पेशेवर फ़ुटबॉल के इतिहास में यह केवल दूसरी बार है जब किसी टीम ने कोई मैच छोड़ दिया हो। इससे पहले ऐसा सिर्फ 2012 में ईस्ट बंगाल बनाम मोहन बागान के मैच में हुआ था।"
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